23 दिन से पुलिस को छका रहा था, दो अन्य आरोपी भी गिरफ्तार, अब नेटवर्क की तलाश 

झांसी। झांसी में धर्मांतरण मामले में करीब 23 दिन से पुलिस को छका रहा धर्मांतरण गिरोह का सरगना ऑस्टिन आखिरकार बुधवार को एसओजी के हत्थे चढ़ ही गया। एसओजी ने ऑस्टिन समेत दो अन्य युवकों भी गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में ऑस्टिन ने धर्मांतरण से जुड़े कई अहम राज भी उगले। पुलिस अफसरों के मुताबिक ऑस्टिन ने विदेशी बैंकों से पैसे आने की बात भी स्वीकार की है। छानबीन में मालूम चला कि बुंदेलखंड में विदेशों से आई रकम खपाई गई। गौरतलब है कि 29 जुलाई को झांसी के थाना प्रेम नगर क्षेत्र अंतर्गत महावीरन नगर में धर्मांतरण के खेल का भंडाफोड़ हुआ था। पुलिस ने अभिषेक कुमार एवं पूनम चौधरी को मौके से गिरफ्तार कर लिया जबकि पूनम चौधरी का पति संतोष कुमार समेत पास्टर रोशनी एवं सरगना ऑस्टिन स्मिथ ‘चकमा देकर भाग निकले थे।

पुलिस द्वारा कुछ दिनों बाद संतोष और रोशनी गिरफ्तार कर लिए गए लेकिन, ऑस्टिन पुलिस के हाथ नहीं आया। निवाड़ी से भी ऑस्टिन पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। प्रेमनगर पुलिस के नाकाम होने पर एसओजी को लगाया गया था। आखिरकार एसओजी ऑस्टिन की लोकेशन तलाशने में कामयाब रही। दबिश देकर उसने ऑस्टिन समेत मोहन सिंह निवासी महावीरनपुरा एवं रविशंकर अहिरवार निवासी बरुआपुरा को गिरफ्तार कर लिया।

लुधियाना में पंजीकृत संस्था के माध्यम से होता था पैसों का लेन-देन

आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को धर्मांतरण में इस्तेमाल होने वाली फडिंग का भी पता चला। पुलिस अफसरों के मुताबिक लुधियाना में पंजीकृत संस्था के माध्यम से विदेशों से पैसा लिया जाता था। इसके जरिए झांसी तक पैसा भेजा जाता था। पास्टर ऑस्टिन वर्ष 2006 से यहां काम करता था। पिछले 17 साल से वह शैक्षिक गतिविधियों के नाम पर निर्धन लोगों के बीच ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार कर रहा था। जांच-पड़ताल के दौरान अन्य अहम बातें भी सामने आई हैं। पूछताछ में बताया कि बुंदेलखंड में बच्चों की शिक्षा के नाम पर आर्थिक मदद की जाती थी। विदेशों से संस्था को मदद दी जाती थी। इसकी आड़ में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार किया जा रहा था।