वैद्यनाथ संस्थान विश्वविद्यालय में बुंदेलखंड कल्चरल एवं रिसर्च सेंटर की स्थापना करेगा : अनुराग शर्मा 
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 49वें स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से उद्यमिता का उन्नयन विषय पर आयोजित कार्यशाला को मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि विकसित बुंदेलखंड की संकल्पना को साकार करने में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। जब यहां के छात्र देश-विदेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर विकसित बुंदेलखंड की गाथा लिखेंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति डिग्री के साथ ही प्रयोगात्मक शिक्षा एवं अनुभव को महत्वपूर्ण स्थान देती है। नई शिक्षा नीति में ध्यान रखा गया है कि यह केवल धन अर्जित करने का साधन न बनकर सामाजिक एवं मनाविक मूल्य का संवर्धन करने में सक्षम रहे। उन्होंने कहा कि झांसी उत्साह का क्षेत्र है। प्रगति के पथ पर है।
उन्होंने ललित कला विभाग के छात्रों द्वारा चंद्रयान 3 विषय पर बनाई गई पोस्टर प्रदर्शनी का अवलोकन किया साथ ही विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार राशि प्रदान की। प्रथम पुरस्कार पंकज कुमार, द्वितीय पुरस्कार कामिनी कुशवाहा, तृतीय पुरस्कार मोनिका सिसोदिया एवं विशिष्ट पुरस्कार मोनेश वर्मा को प्रदान किया गया। उन्होंने चंद्रयान की सफलता के पीछे वैज्ञानिकों की अथाह मेहनत के साथ ही राष्ट्रीय नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति प्राचीन काल से ही विज्ञान के अनेक अनसुलझे रहस्यों को जानती थी। ऋषि कणाद ने वर्षों पूर्व नक्षत्र की गणना कर ली थी। उन्होंने कहा कि विश्व के कुछ देश हमारी उपलब्धि को पचा नहीं पा रहे हैं। लेकिन भारत के पास वर्तमान में आलोचनाओं को सुनने का समय नहीं है। यह प्रगति पथ पर निर्बाध रूप से अग्रसर होने का समय है।
उन्होंने इस अवसर पर एल्यूमिनी सेल द्वारा आयोजित की जाने वाली अटल व्याख्यान श्रृंखला के पोस्टर के साथ ही बैंकिंग वित्त एवं अर्थशास्त्र विभाग द्वारा प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के पोस्टर का विमोचन किया। विशिष्ट अतिथि झांसी ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि आज देश शोध को बढ़ावा दे रहा है। छात्रों को भी अपनी शिक्षा के दौरान ऐसे शोध कार्यों को करना चाहिए जिससे समाज और देश के साथ ही विश्व को भी कुछ नया मिल सके। उन्होंने बताया कि जल्दी ही वैद्यनाथ संस्थान विश्वविद्यालय में बुंदेलखंड कल्चरल एवं रिसर्च सेंटर की स्थापना करेगा जिससे छात्रों को बुंदेलखंड की विभिन्न परंपराओं, संस्कृति, व्यंजन, लोक संगीत, साहित्य आदि के बारे में जानकारी मिल सके।
सारस्वत अतिथि बुंदेलखंड एवं सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो सुरेंद्र दुबे ने कहां की 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आने वाला समय वीरांगनाओं के सपनों को सरकार करने वाला होगा। यह भूमि तो साक्षात रानी लक्ष्मी बाई एवं झलकारी बाई की कर्म भूमि रही है। उन्होंने कहा कि आज का समय ज्ञान का समय है। नई शिक्षा नीति ज्ञान के आधार पर समाज के निर्माण में सहायक होगी। आज भारत को ऐसी शिक्षा नीति की आवश्यकता है जो विश्व को नेतृत्व प्रदान कर सके। नई शिक्षा नीति छात्र हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय ने विश्वविद्यालय स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा की 26 अगस्त 1975 में स्थापित इस विश्वविद्यालय के निर्माण एवं शिक्षा के उन्नत क्षेत्र के रूप में विकसित करने में पूर्व के सभी कुलपतियों, शिक्षकों, कर्मचारी एवं छात्रों का योगदान रहा है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय है जो नैक की चतुर्थ प्रक्रिया की और अग्रसर है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय आत्मनिर्भर, स्वावलंबन एवं स्वरोजगार पूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा रहा है। भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को साकार रूप प्रदान करने में अग्रणी है। नई शिक्षा नीति बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों में लागू कर दी गई है। वर्तमान में विश्वविद्यालय सात जनपदों के तीन लाख छात्रों को स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी की शिक्षा प्रदान कर रहा है। लगभग 12 000 छात्र कैंपस में अध्यनरत है। इन्नोवेशन सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर एवं शोध आधारित प्रयोगशालाओं का निर्माण किया गया है। बुंदेलखंड के लोगों को कौशल विकास आधारित शिक्षा एमएसएमई के सहयोग से प्रदान की जा रही है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा प्रदेश के 11 उत्कृष्ट विश्वविद्यालय में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का भी चयन किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा विगत वर्ष में लगभग 100 एमओयू किए गए हैं जिसमें से 25 अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं। इससे विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली में गुणात्मक सुधार आएगा।
स्वागत उद्बोधन कुलसचिव विनय कुमार सिंह द्वारा एवं आभार वित्त अधिकारी मोहम्मद वसी द्वारा किया गया। संचालन डॉ अचला पांडे एवं डॉ इरा तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर सुनील काबिया, प्रोफेसर सीबी सिंह, प्रो आर के सैनी, प्रो देवेश निगम, प्रो अपर्णा राज, प्रो पूनम पुरी, प्रो एस के कटियार, प्रो डीके भट्ट, प्रोफेसर मुन्ना तिवारी प्रो सौरभ श्रीवास्तव, प्रो आलोक कुमार के साथ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष शिक्षक कर्मचारी एवं छात्र उपस्थित रहे।