ललितपुर/तालबेहट। झांसी – मुम्बई रेल मार्ग पर बिजरौठा – दौलता सेक्शन में शनिवार को शताब्दी एक्सप्रेस के आगे कूदकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे दम्पत्ति ने आत्महत्या कर ली।

बताया गया है कि तालबेहट के ग्रामसभा बिजरौठा के मजरा बौलारी निवासी कुंवर लाल (58) अपनी पत्नी लाड़कुंवर (55) के कैंसर रोग के इलाज को लेकर काफी समय से परेशान था, किंतु उसने हार नहीं मानी थी। कुंवर लाल पत्नी के इलाज में अपनी पूरी जमापूंजी खर्च कर चुके था और मेहनत मजदूरी करके किसी तरह उसका इलाज करवा रहा था। उपचार के लिए उनके पास रुपया न होने पर उन्होंने कुछ लोगों से ब्याज पर रुपये भी लेकर दवा कराई, लेकिन कोई लाभ नहीं हो रहा था। आर्थिक तंगी व पत्नी की असाध्य बीमारी ने दम्पत्ति को तोड़ कर रख दिया था।

शनिवार को सुबह कुंवर लाल साइकिल पर पत्नी को बैठा कर बिजरौठा और दौलता रेलवे स्टेशन के बीच पहुंचा। इसी दौरान झांसी से भोपाल की ओर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के सामने दोनों ने कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन और पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों के शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के दो पुत्र और एक पुत्री है, जिनकी शादी हो चुकी है।

काश आयुष्मान कार्ड होता 
मृतक दम्पत्ति के पास यदि आयुष्मान कार्ड होता तो शायद इलाज के लिए न क़र्ज़ लेना पड़ता और न ही जिंदगी गंवाना पड़ती। ऐसा नहीं कि कुंवर लाल ने आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए प्रयास नहीं किए। मृतक के बेटे ने कहा कि कार्यालय के चक्कर लगाए पर आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए कर्मचारी हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर उसे वापस कर देते थे। गरीबों के लिए चल रही सरकार की योजना के बाद भी उसका नाम राशन कार्ड की सूची से कट गया था इस वजह से उसे फ्री राशन भी मुहैया नहीं हो पा रहा था। यह वह हकीकत है जिसने साबित कर दिया है कि सरकार भले ही गरीबों के हितों के लिए काम कर रही है लेकिन सरकारी मशीनरी किए धरे पर पानी फेर रही है। कार्ड नहीं बनने में जिम्मेदार लोगों को दण्डित किया जाना चाहिए तभी कुछ सुधार होगा।