एनडीआरएफ वह रेलवे की संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन

झांसी। उमरे के झांसी मंडल के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन झांसी के ईआई-2 केबिन के समीप रेलवे तथा एनडीआरएफ / गाजियाबाद के संयुक्त अभ्यास के तौर पर मॉक एक्सरसाइज का आयोजन किया गया। इसमें रेलवे तथा एनडीआरएफ के साथ-साथ जिले के सिविल अधिकारियों ने भी भाग लिया तथा आपस में आपदा से निपटने संबंधित जानकारियों तथा योजनाओं का आदान-प्रदान किया।

मॉक ड्रिल के दौरान मंडल रेल प्रबंधक आशुतोष, अपर मंडल रेल प्रबंधक परि दिनेश वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ रबिंद्र प्रसाद के अलावा मंडल के वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी बी. के. मिश्रा, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियन्ता (परिचालन) अशोक प्रिय गौतम, वरि मंडल यात्रिक अभियन्ता कैरिज एंड वैगन राहुल शुक्ला, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुरेंद्र नाथ, वरि मंडल वाणिज्य प्रबंधक – 2 अखिल शुक्ला, वरि. मंडल परि प्रबंधक जीएंडजी अतुल यादव तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा एनडीआरफ से डिप्टी कमांडेंट आदित्य प्रताप सिंह अपनी पूरी टीम के साथ सिविल प्रशासन से अधिशाषी अभियन्ता उमेश कुमार, पुलिस विभाग से सी.ओ. सदर अवनीश गौतम, जीआरपी से नईम खान मंसूरी तथा त्रिपुरेश कौशिक, सिविल चिकित्सालय से डा. रेखा राजपूत, फायर ब्रिगेड से रामकेश शुक्ला, सिविल डिफेंस से विनय सिजरिया तथा सुमित गोड की उपस्थिति में मोक ड्रिल का सफल आयोजन किया।

इस मॉक ड्रिल के दौरान कोच सं. एसईसी 195078 डब्लयूएसीसीडब्लयू आग लग जाने के कारण काफी क्षतिग्रस्त हो गयी थी। इस घटना की सूचना मिलने ही रेलवे तथा एनडीआरफ के अलावा अन्य विभाग जैसे सिविल डिफेंस, जीआरपी, सिविल पुलिस, सिविल प्रसाशन, सिविल तथा रेलवे चिकित्सालय इत्यादि के राहत कर्मी अविलम्ब राहत कार्य में जुट गये। आग को बुझाने हेतु फायर ब्रिगेड भी तत्काल घटना स्थल पर पहुंच गयी थी। इस आग ग्रस्त कोच में फंसे यात्रियों को एनडीआरफ तथा रेलवे के संयुक्त प्रयास से कोच के साइड तथा ऊपरी सतह को काटकर बाहर निकाला गया तथा घायल यात्रियों को समुचित उपचार प्रदान किया गया।

इस तरह भारतीय रेल में विभिन्न कारणों से घटित होने वाली घटनाओं से बचाव तथा पुर्नस्थापन के व्यवहारिक प्रशिक्षण हेतु आयोजित यह मॉक एक्सरसाइज सफलता पूर्वक सम्पन किया गया। दुर्घटनाग्रस्त कोच से घायल यात्रियों को निकालकर समुचित उपचार किया गया। रेलवे के विभिन्न विभागों के आपसी सामंजस्य और सूझ बूझ से तथा एनडीआरएफ की टीम के सहयोग से दुर्घटना के प्रभाव को न्यूनतम किया गया तथा जान और माल की सुरक्षा की गयी।