– डेढ़ माह बाद खुलासा, आरोपी भाई सहित चार हत्यारोपी गिरफ्तार 
झांसी। संपत्ति के बटवारा को लेकर भाई ही भाई की जान का दुश्मन बन गया। भाई ने तीस हजार रुपए में सुपारी देकर अपने ही सगे भाई की हत्या करा दी और घटना की थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई, किंतु पाप छिपाए नहीं छिपा, पुलिस ने इस घटनाक्रम का जब डेढ़ माह बाद खुलासा किया तो लोग आश्चर्य चकित रह गए।

जनपद के उल्द्न थाना क्षेत्र में 16/17 मई की रात एक व्यक्ति का शव पुलिस ने बरामद किया था । जिसकी शिनाख्त लपुके उर्फ नारायण दास के रूप में हुई थी। मृतक के भाई पुरुषोत्तम ने उसकी हत्या की रिपोर्ट उल्दन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी।

इधर, इस हत्याकांड की घटना को गंभीरता से लेकर एसएसपी शिवहरि मीना ने एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी के नेतृत्व में टीम गठित कर पुलिस को इस हत्याकांड का खुलासा करने के निर्देश दिए थे। एसएसपी के निर्देशन में एसपी सिटी के नेतृत्व में उल्दन थाना पुलिस तमाम विचेचना साक्ष्य एकत्रित किए तो पुलिस का शक गहरा गया और पुलिस ने शक के आधार पर मृतक के भाई पुरषोत्तम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया की उसका भाई लपूके उर्फ नारायणदास की शादी नही हुई थी वह शराब पीने का आदि था, जिससे पूरा परिवार परेशान रहता था। जब उसके पास शराब पीने को रुपए नही होते थे तो वह गांव में छोटी मोटी चोरी भी कर लिया करता था। इसी शराब की लत में वह धीरे धीरे अपने हिस्से की जमीन बेच रहा था। पुरषोत्तम ने उसे जमीन बेचने से मना किया और बिकी हुई जमीन का पैसा मांगा तो मृतक ने उसे देने से इंकार कर दिया था।

इस स्थिति से पुरषोत्तम उससे नाराज रहने लगा था और बकाया जमीन को बिकने से बचाने के लिए लपुकी की हत्या कराने के लिए पुरषोत्तम ने गांव के ही छत्रपाल, दीपेश उर्फ लकी तथा राजू आदिवासी को तीस हजार रुपए की सुपारी देकर षड्यंत्र रचा। योजना बद्ध तरीके से छत्रपाल, दीपेश उर्फ लकी व राजू आदिवासी ने 16/17 मई की रात लपुके के गले में तोलिया से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी और तभी से फरार चल रहे थे। पुलिस ने पुरषोत्तम से पूछताछ के बाद छत्रपाल, दीपेश उर्फ लकी तथा राजू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने घटना का जुर्म स्वीकार कर लिया है।