घनी आबादी में जेसीबी से अवैध खुदाई, नियमों की उड़ी 

झांसी। इसे तथा कथित मिलीभगत के साथ मुखबिरी कहें तो अधिक उचित होगा तभी तो नियमों को ताक पर रखकर थाना नबावाद क्षेत्र अंतर्गत पाश इलाके में घनी आबादी जिला कारागार की दीवार के पास एक बाड़े में जेसीबी मशीन से अवैध रूप से बेसमेंट खुदाई चल रही थी और जब खनिज विभाग से शिकायत की गई तो मुखबिरी कर दी गई और जांच टीम के पहुंचने के पूर्व खुदाई कर रही जेसीबी व ट्रैक्टर ट्राली रफूचक्कर हो गई। टीम भी कथित खानापूर्ति कर लौट गयी। इससे विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

गौरतलब है कि शासन के निर्देश के अनुसार किसी भी निर्माण स्थल पर बेसमेंट खुदाई के लिए खनिज विभाग के साथ जेडीए सहित अन्य संबंधित विभागों से वैधानिक अनुमति/एन ओ सी  लेना जरूरी होता है। , खासकर घनी आबादी वाले इलाके में, शुरू करने से पहले शासन के निर्देशानुसार कई विभागों से अनुमति लेना अनिवार्य होता है। सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी कारणों से कोई भी विभाग घनी आबादी वाले क्षेत्र में जेसीबी मशीन से बेसमेंट खोदने की अनुमति आसानी से नहीं दी जाती है।

उक्त निर्देशों को ताक पर रख कर जिम्मेदार विभाग के कतिपयों की मिलीभगत का एक उदाहरण वन विभाग से जेल जाने वाले रास्ते पर स्थित एक बाड़े में देखने को मिला। इस बाड़े में दिन दहाड़े जेसीबी मशीन से बेसमेंट की खुदाई और मिट्टी को ट्रैक्टर-ट्रॉली से ढोया जा रहा था। सरेआम चल रही जेसीबी आसपास के लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी। हैरानी की बात यह थी कि इस खुदाई के लिए खनिज व संबंधित विभाग से किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी।

जब इस संबंध में खनिज अधिकारी से जानकारी की गई, तो पता चला कि खनिज विभाग से इस खुदाई के लिए कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए टीम को मौके पर भेा गया।

टीम पहुंचने से पहले गायब हुई मशीनरी
हालांकि, खनिज विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही, नियमों को धता बताते हुए खुदाई में लगी जेसीबी मशीन और मिट्टी ढोने वाली दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉली वहां से तेजी से निकल गईं। जब खनिज विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो वहां सब कुछ शांत था और खुदाई का कोई निशान मौजूद नहीं था।

खानापूर्ति कर लौटी खनिज विभाग की टीम
खनिज विभाग की टीम मौके पर केवल खानापूर्ति करती हुई नजर आई और बिना किसी ठोस कार्रवाई के वापस लौट गई। इस घटना ने इलाके में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है और खनिज विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि विभाग की मिलीभगत के बिना घनी आबादी वाले इलाके में इतनी बड़ी अवैध खुदाई संभव नहीं है।

अब देखना यह होगा कि इस मामले में जिला प्रशासन क्या संज्ञान लेता है और क्या अवैध खुदाई करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है। फिलहाल, झांसी में नियमों को ताक पर रखकर चल रही इस तरह की अवैध गतिविधियों ने जिम्मेदार विभागों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।