कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने में बायोटेक्नोलॉजी की अहम भूमिका : डॉ सर्वेन्द्र विक्रम सिंह

झांसी। बीयू के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में कार्यरत विभाग प्रमुख एवं सहायक आचार्य डॉ० सर्वेन्द्र विक्रम सिंह के अनुसार बायोटेक्नोलॉजी यानी जैवप्राद्योगिकी आज विज्ञान की दुनिया में एक जाना पहचाना विषय है जो कि जीवन के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जैसे कि चिकित्सा विज्ञान , एग्रीकल्चर , पर्यावरण , डेरी, पादप विज्ञान, जंतु विज्ञान आदि में | आज जैवप्रद्योगिकी से बने उत्पाद और तकनीक हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनते जा रहे है जिससे बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर और उससे बने उत्पादों की मांग दिन पर दिन बढती जा रही है | बायोटेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम में सेल बायोलॉजी, जैवसांख्यिकी, बायोतेकनिक्स, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, एन्ज़यामोलोजी, जेनेटिक्स, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग, प्लांट बायोटेक्नोलॉजी, एनीमल बायोटेक्नोलॉजी, इम्मुनोलोजी, फर्मेंटेशन टेक्नोलॉजी, पर्यावरण जैवप्राद्योगिकी जैसे विषयो का अध्ययन और उससे सम्बंधित प्रयोगों की पढाई करायी जाती है | चिकित्सा विज्ञान में गंभीर से गभीर बिमारियों के निदान हेतु नई दवाइयों के निर्माण में, जीन थेरेपी के माध्यम से आनुवंशिक बिमारियों के इलाज में, जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से फसलों की नयी प्रजातियाँ विकसित करने और उनकी उच्च गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने में, वैक्सीन के निर्माण में, पर्यावरण संरक्षण आदि में बायोटेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ती जा रही है | कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव में बायोटेक्नोलॉजी ने अग्रणी भूमिका निभाई है |

उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री ने भी अभी हाल ही में देश की राजधानी में हुए बायोटेक स्टार्टअप एक्सपो 2022 के कार्यक्रम में बायोटेक्नोलॉजी उद्योग को और अधिक बढ़ावा देने की बात की जिससे बायोटेक्नोलॉजी में अधिक से अधिक रोज़गार के अवसर हो सके | उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में स्नातक, परास्नातक और पी०एच०डी० के प्रोग्राम संचालित है स्नातक और परास्नातक प्रोग्राम में सीधे मेरिट आधार पर प्रवेश प्रक्रिया चल रही है | स्नातक में प्रवेश हेतु बारहवी में विज्ञान के साथ और परास्नातक में प्रवेश हेतु ग्रेजुएशन लाइफ साइंस विषय के साथ पास होना आवश्यक है| पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु आवेदन की जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.bujhansi.ac.in पर प्राप्त की जा सकती है| बायोटेक्नोलॉजी का कोर्स करने के बाद विभिन्न क्षेत्रो में जैसे कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक के रूप में, शोध के क्षेत्र में वैज्ञानिक के रूप में, फार्मास्यूटिकल कंपनी में रिसर्च और डेवलपमेंट डिवीज़न में, फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर, मेडिकल साइंस में रिसर्च ऑफिसर,, क्वालिटी कण्ट्रोल ऑफिसर के रूप में, डेरी उद्योग में, किण्वन उद्योग में, फॉरेंसिक साइंस में, कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में रोज़गार के ढेरो अवसर है |