झांसी। जान लेवा हमले व जान से मारने की धमकी के आरोपी का जमानत प्रार्थनापत्र प्रभारी सत्र न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर द्वारा निरस्त कर दिया गया।

जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि वादिया मोहिनी बाबा निवासी नाजिया मकबूल सिद्दिकी एडवोकेट ने थाना नवाबाद में ०७ जून २०२२ को रिपोर्ट अंकित करायी थी कि १२ नवम्बर २०२१ को वह अपने घर पर थी । करीब ०८ बजे रात उसके घर फरीद अहमद उर्फ शरीफ अपने साथी शमीम खान, मु० आसिफ के साथ आया और गाली गलोज कर पति को पूछने लगा, इतने में उसके पति मकबूल हुसैन आ गए तो फरीद अहमद ने तमंचा निकालकर जान से मारने के इरादे से फायर कर दिया, जिसमें उसके पति बाल-बाल बच गए और जान बचाकर अपने घर के अंदर भागे तो यह तीनों लोग घर के अन्दर घुस आए। उसने बचाने की कोशिश की तो उन लोगों ने उसको को भी धक्का दे दिया और थप्पड़ मार दिया। उसके व उसके पति के साथ मारपीट करने लगे। शोर सुनकर काफी लोग आ गए तो शमीम खान उसके पति से यह कहता हुआ कि २५ लाख रूपये जो उस्ताद का मुकदमे में खर्च हुआ है, १५ दिन के अन्दर भेज देना वर्ना तुझे अपनी महिला मित्र से बलात्कार का मुकदमा लिखा कर जेल में सड़वा देगें और जब जेल से छूटकर आएगा तो जान से मारकर फेंक देंगे। फरीद अहमद उर्फ शरीफ आदि पर एक दर्जन से अधिक प्राणघातक हमला, डकैती, अवैध वसूली आदि के मुकदमें विभिन्न थानों में पंजीकृत हैं। इन लोगों का पूरे समाज में भय व आतंक है। जिसके कारण कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध मुकदमा लिखाने व गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। रिपोर्ट पर धारा ३८६, ३०७, ५०६, ४५२, ३२३ भा०दं०सं०के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
उक्त मामले में अभियुक्त फरीद अहमद उर्फ शरीफ की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई उपरांत पर्याप्त आधार नहीं पाते हुए न्यायालय द्वारा प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया।