झांसी। झांसी जनपद के दौरे के दूसरे दिन भी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निशाने पर योगी सरकार ही रही। डिप्टी सीएम केशव मौर्य पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें डिप्टी सीएम नहीं, बल्कि असिस्टेंट सीएम कहिए। वह नौकरी कर रहे हैं। वह अपनी मर्जी से कुछ नहीं कह सकते, नौकरी करनी है तो मुखिया की भाषा बोलनी ही पड़ेगी।

झांसी प्रवास के दूसरे दिन वह अचानक सपा नेत्री दीपाली रायकवार के घर प्रेमनगर पहुंचे थे। जहां वह पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम को स्वीकार करना होगा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार व्याप्त है और कानून व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर सहित अन्य जिलों की घटनाएं बताती हैं कि कानून व्यवस्था के हालात क्या हैं। प्रदेश की सरकार को मानना पड़ेगा कि उनके राज में भ्रष्टाचार चरम पर है। पुलिस वसूली में लिप्त है।

केशव प्रसाद मौर्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि मौर्य जानते हैं कि वह पिछड़ों को न्याय नहीं दिला सकते, ज्यादा बोलेंगे तो अभी उनका विभाग छिना है, फिर कुर्सी भी छिन जाएगी। अखिलेश ने कहा कि सरकार बुनियादी मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार नहीं है। व्यापारी दुखी हैं, अब उन्होंने सरकार को सबक सिखाने का मन बना लिया है। पत्रकारों के सवाल पर झुंझलाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने निवेश की परिभाषा समझा डाली। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी करना या किसी काम का ठेका दे देना निवेश कार्य में नहीं आता। निवेश का मतलब होता है कि आपने कितने उत्पादन के कारखाने लगाए हैं। अखिलेश पहले दिन दीपनारायण सिंह यादव के आवास पर मिलने के बाद सपा नेता सीताराम कुशवाहा, चौधरी असलम शेर के आवास पर मिलने गये थे।