प्लेटफार्म नंबर 2/3 पर पैरालाइज्ड अटैक पड़ने पर पटरी पर गिर कर बेहोश हो गए थे 

झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर आन ड्यूटी डिप्टी एसएस राजीव श्रीवास्तव ने जिस तत्परता व कर्तव्यनिष्ठा के साथ साथ संवेदनशीलता का परिचय देकर रिटायर्ड सीआईडी डिप्टी एसपी मध्य प्रदेश एके पौराणिक (64 वर्ष) को मौत के मुंह में जाने से बचाया उससे पौराणिक परिवार के साथ साथ मप्र पुलिस विभाग गदगद हैं और डिप्टी एसएस की कार्यप्रणाली की सराहना कर रहा है।

दरअसल, भोपाल के कोलारस रोड सुमित्रा परिसर फेस -1 निवासी रिटायर्ड सीआईडी डिप्टी एसपी एके पौराणिक एक मामले में झांसी आए थे। उन्हें 1 मई को झांसी से भोपाल जाने के लिए झेलम एक्सप्रेस पकड़ना थी। ट्रेन के इंतजार में वह वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2/3 पर चहलकदमी करते हुए भोपाल एंड की तरफ पेटी गोदाम के पास पहुंचे और अचानक पैरालाइज्ड अटैक पड़ने पर पटरी पर गिर गये और फिर नहीं उठ पाए।

यह देख कर किसी ने इसकी जानकारी आन ड्यूटी डिप्टी एसएस राजीव श्रीवास्तव को दी। उस समय वह यात्री शेड में पड़े एक व्यक्ति के शव की सूचना पर रेलवे अस्पताल के डाक्टर के साथ जाने वाले थे। उन्होंने मृत व्यक्ति के लिए यात्री शेड जाने की अपेक्षा पटरी पर पड़े व्यक्ति की मदद करने को प्राथमिकता दी और तुरंत चिकित्सक को लेकर प्लेटफार्म नंबर 2/3 पर पेटी गोदाम पर पहुंच गए। वहां प्लेटफार्म नंबर 3 की पटरी पर एक व्यक्ति अर्ध मूर्छित अवस्था में पड़ा दिखाई दिया। यह संयोग ही था कि उस समय कोई ट्रेन नहीं आई थी।

डिप्टी एसएस ने वहां मौजूद स्टाफ की मदद से उस व्यक्ति को पटरी पर से उठवा कर प्लेटफार्म पर लेटाया। इसके बाद चिकित्सक ने उसका परीक्षण किया तो पता चला कि उसे पैरालाइज्ड अटैक पड़ा है। वह बोलने में भी असमर्थ था। इस पर डिप्टी एसएस ने बुद्धिमानी का परिचय देते हुए उस व्यक्ति के मोबाइल फोन पर की गई लास्ट काल को रीडायल कर दिया। इस काल को एक लड़की ने अटैंड किया और बताया कि जिसका यह फ़ोन है वह उसके पिता हैं। डिप्टी एसएस ने जब हालत की जानकारी दी तो लड़की ने बताया कि उसका भाई एस पौराणिक झांसी में बीएचईएल में कार्यरत है। वह उसे पहुंचा रही है।

इसके बाद उक्त व्यक्ति को प्लेटफार्म नंबर 2/3 से प्लेटफार्म नंबर एक पर लाकर 108 पर सूचना देकर एम्बुलेंस को बुलाया। कुछ ही देर में बीएचईएल से एस पौराणिक वहां पहुंच गया। उसने अपने पिता का विवरण बताया और डिप्टी एसएस का आभार व्यक्त करते हुए पिता को एम्बुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले गया। इस तरह डिप्टी एसएस की तत्परता से रिटायर्ड डिप्टी एसपी की जान बच गई। इस पर पौराणिक परिवार ने डिप्टी एसएस की कार्यप्रणाली की सराहना की। इतना ही नहीं मप्र के पुलिस आफिसर ने भी उनका आभार व्यक्त किया।