झांसी। झांसी में एक चिकित्सक की आपरेशन के दौरान लापरवाही ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक युवती के हाथ की अंगुलियां टेढ़ी हो गईं। इसके बाद भी चिकित्सक द्वारा उपेक्षात्मक रवैए से परेशान पीड़िता को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में अपना इलाज कराना पड़ा। इस पूरे मामले में पुलिस और सीएमओ का रवैया भी असंतोष जनक रहा। पीड़िता शिकायत के लिए भटकती रही। इस मामले में आरोपी चिकित्सक ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखने से इंकार कर दिया।

झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र के पिछोर गुमनावारा निवासी काजल शर्मा ने बताया कि उससे पिता आर्मी में हैं। एक बार वह घर में गिर गई थी। इससे उसके बाएं हाथ में चोट लग गई. इससे उसके एल्बो की हड्डी टूट गई थी। इस पर वह उपचार के लिए आर्मी हॉस्पिटल गई, जहां से उसे कानपुर रोड पर हड्डी जोड़ रोग विशेषज्ञ आर्थोपेडिक हॉस्पिटल के यहां भेजा। परिजनों ने उस अस्पताल में इलाज कराना शुरू किया। युवती का आरोप है कि वहां हड्डी जोड़ रोग विशेषज्ञ ने बताया कि हाथ का ऑपरेशन करना पड़ेगा।

तय समय पर 22 सितंबर वह ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंची। उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। वहां पता चला कि जिस डॉक्टर से वह इलाज करा रही थी, वह ऑपरेशन नहीं करेंगे, बल्कि उनका चिकित्सक बेटा उसका ऑपरेशन करेगा। जानकारी करने पर लोगों ने बताया कि चिकित्सक का बेटा ही ऑपरेशन करता है।

पीड़ित युवती ने बताया कि पहले उसके हाथ को सुन्न किया गया। इसके बाद ऑपरेशन शुरू हुआ। हाथ में कट लगा दिए गए। केवल हाथ को ही सुन्न किया गया था इसलिए उसे सब कुछ दिखाई और सुनाई दे रहा था। बीच ऑपरेशन में ही डॉक्टर खुला हाथ छोड़कर ही चले गए और करीब दो घंटे बाद वह लौटे, इसके बाद जल्दबाजी में बाकी ऑपरेशन कर दिया।

पीड़िता ने बताया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन से हाथ ठीक होने की गारंटी ली थी, इसके बावजूद हाथ सहीं नहीं हुआ, हाथ की अंगुलियां भी टेढ़ी हो गईं। वह कई बार डॉक्टर गुप्ता के पास गई लेकिन उन्होंने कहा की ऑपरेशन एक दम परफेक्ट हुआ है और हमेशा चलता कर देते थे। इसके बाद जब परेशानी ज्यादा बढ़ी तो वह मेडिकल कॉलेज पहुंची जहां चिकित्सकों ने उसे बताया तथा डॉक्टर ने लिख कर दिया कि उसका हाथ ऑपरेशन होने से खराब हो रहा है। इसके बाद वह गुडगांव में मेदांता अस्पताल पहुंची। मेदांता में दोबारा उनका ऑपरेशन हुआ अब उन्हें आराम है। उसका आरोप है कि थोड़ा और समय गुजर जाता तो उसका हाथ खराब हो जाता ओर जिंदगी बरवाद हो जाती। गलत ऑपरेशन से उसकी तकलीफ के चलते एक साल की पढ़ाई बरवाद हो गई और ऑपरेशन में करीब ढाई लाख से अधिक का कर्ज हो गया है।

पीड़ित काजल शर्मा ने बताया कि वह डॉक्टर की शिकायत के लिए सबसे पहले चौकी, फिर थाना नवाबाद गईं इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। एसएसपी से भी शिकायत की। एसएसपी के कहने पर वह झांसी सीएमओ से शिकायत करने पहुंची, लेकिन वहां कर्मियों ने बताया कि वह व्यस्त रहते हैं, नहीं मिल सकते हैं. शिकायत पत्र लेकर वहां से लौटा दिया गया।

नोटिस जारी इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी ने पीड़िता की शिकायत पर नोटिस जारी करते हुए आर्थोपेडिक हॉस्पिटल डॉक्टर डीके गुप्ता के पुत्र गौरव गुप्ता से ऑपरेशन संबंधित सभी दस्तावेजों को लेकर एक मई को अपने कार्यालय में उपस्थित होकर शिकायत पर साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा है। देखना है कि पीड़िता को न्याय मिलेगा या नहीं।