– सीनियर सेक्शन इंजीनियर स्टेशन सिन्हा निलंबित

– डीआरएम घटनास्थल का निरीक्षण कर दिए निर्देश, जांच शुरू

झांसी। उमरे के वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर बेलगाम दौड़ रही ट्रैक्टर ट्राली से भीषण हादसा होते होते बच गया। दौड़ती ट्रैक्टर ट्राली के प्लेटफार्म संख्या 5 पर डेंजर जोन में पहुंचने और ट्रैक से गुजर रही ट्रेन से रगड़ खा कर  पलटने से बच गयी। इस मामले में सीनियर सेक्शन इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। रेल प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच भी शुरू कर दी गई है।

दरअसल, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म पर प्रतिबंध के बावजूद बिना किसी सुरक्षात्मक उपाय के ट्रैक्टर ट्राली, पानी की बोतल लादे हाथ ठेला आदि दौड़ते रहते हैं। इस संबंध में sahujagran.com द्वारा खबर प्रकाशित कर ध्यान आकर्षित किया गया था, किंतु आज तक ध्यान नहीं दिया गया इसके परिणाम स्वरूप शुक्रवार की दोपहर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच पर बड़ी लापरवाही के चलते बड़ी दुर्घटना सामने आई थी।

प्लेटफार्म नंबर 5 पर भोपाल एंड पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसके लिए बिना किसी सुरक्षात्मक उपाय के बालू लेकर एक ट्रैक्टर-ट्रॉली वहां पहुंची थी। इस दौरान ट्रैक्टर ट्राली रेलवे ट्रैक के इतने करीब पहुंच गयी कि वहां से गुजर रही विलासपुर-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से उसका हुड रगड़ खा गया और वहां अनहोनी की आशंका से चीख-पुकार मच गई। हालांकि संयोग से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

जानकारी होने पर मौके पर दौड़ी आरपीएफ ने आनन-फानन में कार्यवाही करते हुए ट्रैक्टर को सीज कर चालक को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। शनिवार को चालक शंकरगढ़ निवासी बृजेंद्र राजपूत को जेल भेज दिया गया। इधर, इस मामले के संज्ञान में आने पर दोपहर में मंडल रेल प्रबंधक ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया और अधीनस्थों से घटना से जुड़ीं जानकारियां हासिल कीं। इस मामले में प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आने पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर स्टेशन अनुपम सिन्हा को निलंबित करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

थमा नहीं लापरवाही का सिलसिला

भले ही प्लेटफार्म नंबर 5 पर दौड़ती बेलगाम ट्रैक्टर ट्राली के सवारी गाड़ी से रगड़ने पर एसएसई स्टेशन के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई पर नियमों को ठेंगा दिखा कर पानी की दर्जनों बोतलों की खेप लेकर दौड़ते हाथ ठेला पर रोक नहीं लगाई गई है। यह गैरकानूनी पानी सप्लाई को आरपीएफ, जीआरपी, चैकिंग स्टाफ के संरक्षण के बिना नहीं चल सकता। लगता है कि रेल प्रशासन को किसी बड़ी घटना कि इंतजार है।