आईआरसीटीसी ने सर्विस प्रोवाइडर पर ठोका 25 हजार का जुर्माना 

भोपाल/ झांसी। जी हां इस बार भोपाल से निजामुद्दीन जा रही 20171 वंदे भारत ट्रेन में यात्री के खाने में कॉकरोच निकला है। जिसे लेकर यात्री ने रेलमंत्री और रेलवे को ट्वीट किया है। जिसके बाद IRCTC ने कार्रवाई करते हुए कंपनी पर 25 हजार का जुर्माना ठोका है। बता दें मामला 24 जुलाई का है।
बता दें कि वंदे भारत ट्रेन में दिए गए खाने में कॉकरोच मिलने की शिकायत यात्री ने आईआरसीटीसी को ट्विटर पर टैग करते हुए की थी जिसके बाद आईआरसीटीसी ने मामला संज्ञान में लिया और सर्विस प्रोवाइडर के ऊपर कार्यवाही कर शुक्रवार को 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही आईआरसीटीसी ने ये भी आश्वासन दिया कि इस तरह की घटना आगे नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा.
बता दें कि ये मामला बीते 24 जुलाई का है जब एमपी के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन जा रही वंदे भारत ट्रेन में ही 8 में सीट नंबर 27 पर ग्वालियर के लिए एक यात्री सफर कर रहा था। उन्होंने ट्रेन में खाना ऑर्डर किया था। जब उनके सामने खाने के लिए पराठा आया तो उन्हें उसमें एक कॉकरोच चिपका दिखा। इसके बाद उन्होंने खाने में मिले कॉकरोच की फोटो खिंची और आईआरसीटीसी को टैग करते हुए ट्वीट कर दिया। खाने में मिले कॉकरोच से संबंधित शिकायत करते हुए सुबोध ने ट्वीट किया कि आईआरसीटीसी वंदे भारत ट्रेन में मेरे खाने में एक कॉकरोच मिला है।

सुबोध की शिकायत के बाद आईआरसीटीसी ने एक्शन लिया और ट्वीट के जवाब में इसकी जानकारी दी। आईआरसीटीसी ने जवाब में लिखा कि सर, इस अप्रिय अनुभव के लिए हम माफी चाहते हैं। मामले को गंभीरता से लिया गया है। संबंधित सर्विस प्रोवाइडर को खाना बनाते समय उचित सावधानी बरतने की सख्त चेतावनी दी गई है. इसके साथ ही, सर्विस प्रोवाइडर पर भारी जुर्माना लगाया गया है और रसोई पर निगरानी को और भी मजबूत किया गया है।

गतिमान एक्सप्रेस में छोले में निकला था मांस 
झांसी। लगभग एक महीने पहले गतिमान एक्सप्रेस में यात्रियों को परोसे गए खाने में बड़ी लापरवाही सामने आई थी। 24 जून को गतिमान एक्सप्रेस में राजेश तिवारी अपनी पत्नी प्रीति तिवारी के साथ झांसी से दिल्ली के लिए सफर कर रहे थे। उन्होंने खाने के लिए ट्रेन में छोले-कुलचे मंगाए थे। उनके छोले की सब्जी में मांस का टुकड़ा पाया गया था। शिकायत के बाद रेलवे ने संबंधित कैटरिंग एजेंसी को निलंबित कर दिया था। इस मामले में भी रेलवे की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगे थे।