470 मरीजों की जांच कर चश्मा व दवाएं वितरित 

झांसी। नेत्र ज्योति से जुड़े विकार को दूर करने तथा मोतियाबिन्द मुक्त झांसी के उद्देश्य को साकर करने की पहल के तरह सोमवार को प्रगति सोशल डवेलपमेंट सोसायटी के सहयोग से श्री सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट, नेत्र चिकित्सालय, चित्रकूट द्वारा हंसारी स्थित रिछारिया हाईट्स कॉलोनी में वृहद स्तर पर निःशुल्क नेत्र जांच एवं मोतियाबिंद आपरेशन उपचार शिविर का शुभारम्भ किया गया।

इस दौरान प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम द्वारा करीब 470 मरीजों की जांच कर उन्हें निःशुल्क दवा व चश्म वितरित किए गए साथ ही 33 मरीजों को मोतियाबिन्द की शिकायत पाए जाने पर ट्रस्ट द्वारा एम्बुलेंस से ऑपरेशन के लिए चित्रकूट रवाना किया गया।

कार्यक्रम संयोजक प्रगति सोशल डेवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष राहुल रिछारिया ने बताया कि अनुचित प्रबंधन के चलते साल दर साल मनुष्य की दृष्टि क्षमता का हनन हो रहा है। कुदरत के इस अमूल्य वरदान को सही सलामत रखने में श्री सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट के सहयोग से जिन मरीजों को मोतियाबिन्द की शिकायत है उन्हें पूर्णतः निःशुल्क रूप से ऑपरेशन हेतु एम्बुलेंस से चित्रकूट ले जाना, उचित परिवेश में रहना-खाना तथा ऑपरेशन की सफलता के बाद घर तक छोड़ने जिम्मा ट्रस्ट द्वारा लिया गया है। यह सारी प्रक्रिया प्रशिक्षित डॉक्टरों की संरक्षण में पूरी की जाएगी एवं दवाई व चश्मा इत्यादि निःशुल्क प्रदान करने के उपरान्त दृढ़ संकल्प व विश्वास के साथ यह निःशुल्क सेवा का क्रम चलता रहेगा ताकि हमारे झाँसी वासियों को अधिक से अधिक नेत्र लाभ मिल सके।
श्री सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट, नेत्र चिकित्सालय के डॉ0 आशीष ने कहा कि श्री सद्गुरू महाराज की प्रेरणा से मोतियाबिन्द मुक्त समाज की परिकल्पना की गई है। साथ ही नेत्र रोग से जुड़ी सभी समस्याओं के निवारण के लिए हम तत्पर हैं। नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट की ओर से डॉ0 पंकज, डॉ0 अर्जुन, डॉ0 समीर, गौरव, रामस्वरूप वर्मा, अरविन्द, सत्यम ने नेत्र परीक्षण एवं दवा वितरण प्रभार सम्भाला।
कार्यक्रम का संचालन पूर्व पार्षद अरविन्द कुमार बब्लू ने किया। प्रबन्ध समिति में डाॅ0 आकांक्षा रिछारिया, इदरीश खान, मुनीष गर्ग, डॉ0 प्रवण त्रिपाठी, अजय तिवारी, बॉबी अहिरवार, रेशम सिंह परिहार, इन्द्रजीत बादशाह, श्रीमती अरूणिमा गर्ग, संदीप नाहर, पवन रजक, संजय सेन, शिवा परिहार, दीपू कुशवाहा, धर्मेन्द्र यादव, रोहित सेन आदि उपस्थित रहे। अन्त में शेखर नलवंशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।