झांसी। उसे उम्मीद नहीं थी कि जिसने प्यार के जाल में फंसा कर सुनहरे सपने दिखाए वही प्यार के नाम पर धोखा देकर मरने के लिए बेसहारा छोड़ देगा। आंखों में आंसू व कोख में प्यार की निशानी लिए झांसी मेडिकल कालेज में इमरजेंसी के बाहर प्यार के इंतजार में बैठी है। कोई भी स्वयंसेवी संस्था या पुलिस विभाग उसकी मदद को हाथ नहीं बढ़ा रहे हैं।

दरअसल, शमहारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज के इमरजेंसी के बाहर मीरा नाम की गर्भवती युवती अपने प्रेमी रूपी पति के इंतजार में बैठी है । मीरा का कहना है कि लगभग दो वर्ष पूर्व गांव के लड़के पुष्पेन्द्र ने उसे अपने प्यार में फंसा लिया। इसके बाद उसे घर भगा ले गया। घर से भागने के बाद वह कानपुर पहुंचे। जहां उससे आर्य समाज मंदिर में उससे शादी कर ली गई। शादी होने के बाद उसे उरई, बनारस, नोएडा ले गया। जहां उसे किराए के कमरे रखा और इसके बाद मऊरानीपुर ले गया। यहां भी दोनों किराए के कमरे में रहे।

युवती का आरोप है कि मऊरानीपुर में पति द्वारा उसके साथ मारपीट की जाने लगी। अप्रैल माह में उसे छत से फेंक दिया गया। जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी में प्रॉबलम हो गया। जिस कारण अब वह सही प्रकार से चल भी नहीं पाती है। इसके बाद उसे गुरसरांय ले लाया गया। यहां भी वह किराए से रहे। इसी दौरान उसे गर्भवती बना दिया गया। 23 तारीख को उसका प्रेमी पति धोखें से उसे बेसहारा छोड़ कर दूसरी महिला के पास चला गया।

जब उससे सम्पर्क करने का प्रयास किया तो पति ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह लौटकर वापस घर नहीं आयेगा। वह जहां जाना चाहे जा सकती है। आंखों में आंसू लिए मीरा का कहना है कि इस हालत में वह कहां जाए। इसके बाद उसने अपने माता-पिता से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो पिता ने बात करने से इंकार कर दिया। मां ने जरूर बात की लेकिन वह पिता के आगे मजबूर हैं। पति ने धोखा देकर उसे छोड़ दिया और वह मायके जा नहीं सकती है, ऐसे में वह जाए तो जाए कहां। वह इसकी शिकायत लेकर एरच और गुरसरायं थाने गई जहां शिकायत को गम्भीरता से नहीं लिया गया। पुलिस ने हालांकि मदद करते हुए उसे सरकारी अस्पताल भिजवा दिया था। जहां से उसे झांसी मेडिकल कालेज भेज दिया। यहां बैठकर अब वह अपने प्रेमी पति का इंतजार कर रही है कि कब आये और उसे यहां से ले जाएगा।