झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश जयतेंद्र कुमार की अदालत में खूंटा गाड़ने को लेकर हुए विवाद में हुई हत्या का दोष सिद्ध होने पर चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सुजा सुनाई। सभी पर अर्थदंड भी लगाया। न्यायालय ने आठ साल पुराने मामले में फैसला सुनाया है।

झांसी के थाना पूंछ क्षेत्र के ग्राम अमरौख निवासी जगदीश ने पूंछ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि गांव में अनिल बरार के घर के सामने एक खूंटा गड़ा था। 25 अक्टूबर 2015 को गांव के रामेश्वर उर्फ गब्बर अहिरवार ने खूंटे को उखाड़ दिया। जब अनिल ने कारण पूछा तो गब्बर ने कहा कि खूंटा उसकी जमीन पर गड़ा था, इसलिए उखाड़ दिया। इस पर अनिल दोबारा उसी जगह खूंटा गाड़ने लगा। इस पर दोनों के बीच विवाद हो गया। गब्बर अनिल के साथ मारपीट करने लगा। अनिल की चीख-पुकार सुनकर पास में खड़े गांव के जगदीश का भाई करन आ गया और अनिल को बचाने लगा। इस पर गब्बर ने सब्बल से करन के सिर पर वार कर दिया। इससे करन जमीन पर गिर गया और उठकर घर की तरफ भागने लगा। तभी गब्बर के साथी लच्छीराम अहिरवार, देवीदयाल और मंतोष मौके पर आ गए और करन को पकड़ लिया। इसके बाद तीनों ने गब्बर के साथ मिलकर करन के साथ मारपीट की थी। गांव के लोगों के आने पर आरोपी फरार हो गए। परिजन घायल करन और अनिल बरार को अस्पताल लेकर भागे। रास्ते में करन की मौत हो गई।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। मामले की विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया था। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने बताया कि न्यायालय ने पूरे म मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त रामेश्वर उर्फ गब्बर, लच्छीराम, देवीदयाल व मंतोष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 50-50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया, जिसकी अदायगी न करने पर अभियुक्तों को एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।