जीएम अवार्ड से सम्मानित नरवरिया की संवेदनशीलता की सराहना

झांसी। उमरे के झांसी स्टेशन पर डिप्टी एसएस एसके नरवरिया संवेदनशीलता से बीमार, जरूरत मंद यात्रियों के मददगार बन रेलवे की सुखद सुरक्षित यात्रा को साकार कर रहे हैं यह सराहनीय है। उन्हें हाल ही में जीएम अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है। दो दिन पूर्व उन्होंने ट्रेन में एक बुजुर्ग को ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था के लिए जिस तरह प्रयास किए उसे सभी ने सराहा वहीं सोमवार को सुबह ट्रेन में भूख से बिलख रहे मासूम के लिए जब स्टेशन पर दूध का इंतजाम नहीं हो सका, तो डिप्टी एस एस नरवरिया ने आधी रात को अपने घर से मंगा कर दूध बच्चे तक पहुंचाया तो हर यात्री ने सराहना की।

दरअसल, जम्मूतवी से चलकर नांदेड़ जा रही नांदेड़ एक्सप्रेस के कोच बी-13 की सीट नंबर 39 पर महाराष्ट्र के पूर्णा निवासी अविनाश जाधव अपने परिवार और छह माह के बेटे श्रेयस के साथ पठानकोट से पूर्णा के लिए यात्रा कर रहे थे। यह सभी रविवार सुबह 9:51 बजे पठानकोट से ट्रेन में सवार हुए। उनके पास बच्चे के लिए पर्याप्त दूध था। ट्रेन रास्ते में तीन घंटा लेट हो गई। ट्रेन रात 11:30 बजे आगरा कैंट पहुंची। तब तक बच्चे का दूध खत्म हो गया। ट्रेन आगरा से चलकर धौलपुर पहुंची तो बच्चा भूख के चलते रोने लगा। अविनाश जाधव ने बताया कि उम्मीद थी कि ग्वालियर पर दूध मिल जाएगा। ट्रेन रविवार रात 1:07 बजे ग्वालियर पहुंची। यहां उन्होंने स्टेशन पर उतरकर दूध खोजा, लेकिन किसी भी स्टॉल और कैंटीन पर दूध नहीं मिल सका। ट्रेन सात मिनट के ठहराव के बाद ग्वालियर से 1:14 बजे झांसी के लिए रवाना हो गई। इधर, भूख से परेशान बच्चे की रोने की आवाज सुनकर एक यात्री ने रेलवे के 139 नंबर पर कॉल करके मदद मांगी।

बच्चे को दूध उपलब्ध कराने का संदेश रेलवे कंट्रोल रूम से झांसी रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात डिप्टी एसएस एसके नरवरिया को मिला । उन्होंने मेसेज का संज्ञान लिया और स्टेशन पर बच्चे के लिए दूध की व्यवस्था शुरू की। मगर काफी रात हो जाने के चलते स्टेशन की कैंटीन में भी दूध नहीं मिल सका। इस पर डिप्टी एसएस ने अपने घर फोन करके अपने पुत्र से दूध मंगवाया। ट्रेन जब देर रात तीन बजे झांसी पहुंची तो डिप्टी एसएस खुद कोच में दूध लेकर पहुंचे। दूध पहुंचने पर यात्री ने डिप्टी एस एस की संवेदनशीलता की सराहना की।