राहत : दो माह के बच्चे को एक दंपती ने इंदौर GRP को सौंपा

इंदौर /ग्वालियर (संवाद सूत्र)। वैष्णों देवी के दर्शन कर मालवा एक्सप्रेस से लौट रहे एक दंपति के दो महीने का बेटा (नमन) को 6 अप्रैल की रात 11 बजे से 2.30 बजे के बीच कोई अपहरण कर ले गया। तड़के जब दंपति की नींद खुली और सीट पर बच्चा नहीं मिला तो हंगामा खड़ा हो गया। घटना का पता उस समय लगा जब ट्रेन ग्वालियर-डबरा के बीच दौड़ रही थी। बच्चे की मां की हालत बिगड़ने पर परिजन झांसी पर उतरकर पहले उसको घर ले गए और लौटकर जीआरपी थाना पहुंचकर मामले की सूचना दी। अभी पुलिस एक्शन लेने की सोच रही थी कि तभी पता लगा कि दो महीने के एक बच्चे को एक दंपति ने इंदौर स्टेशन पर GRP को सौंपा है। दंपति का कहना था कि उनको यह बच्चा मालवा एक्सप्रेस में मिला था। इंदौर में गायब बच्चा मिलने की सूचना मिलने पर मां-पिता उसे लेने पहुंच गए हैं। पुलिस जांच कर रही है कि बच्चा चोरों उसे ट्रेन में छोड़ क्यों गए। आशंका है कि बच्चा चोरी के हंगामा और RPF/GRP के जवानों की सक्रियता को देखकर आरोपी बच्चे को वहीं छोड़कर चले गए होंगे।

दरअसल, वैष्णोंदेवी के दर्शन कर झांसी जा रहे छतरपुर के दंपती का 2 महीने का बेटा मालवा एक्सप्रेस ट्रेन से अगवा हो गया। मामला 6 अप्रैल की रात 11 से 2.30 बजे के बीच का है। डबरा में दंपती की नींद खुलने पर बच्चा सीट पर नहीं था। हैरानी की बात यह है कि इंदौर GRP को वहां के एक दंपती ने 8 अप्रैल को बच्चा यह कहते हुए सौंपा है कि वह उन्हें मालवा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में ऊपर की बर्थ पर लावारिस मिला है।
बड़ा सवाल यह है कि 6 अप्रैल की रात वाली मालवा एक्सप्रेस दोपहर 1.30 से 2 बजे के बीच इंदौर पहुंचती है तो उसके बाद से 8 अप्रैल तक बच्चा कहां रहा? तीन दिन मामले को दबाए बैठी रही ग्वालियर GRP ने 10 अप्रैल को एक टीम इंदौर भेजी है। बच्चे के अपहरण की FIR 7 अप्रैल को दर्ज कर ली गई थी।

दरअसल, मप्र के जिला छतरपुर के सटई थाने के रजपुरा निवासी उमेश कुमार अहिरवार (27) प्राइवेट जॉब करते हैं। उन्होंने बताया कि 2 अप्रैल को वह पत्नी सुखवती (25), बेटे नमन (2 माह) के साथ वैष्णोंदेवी के दर्शन के लिए जम्मू कटरा गए थे। 5 अप्रैल को मालवा एक्सप्रेस (12920) से लौट रहे थे। S-2 कोच में 13 और 14 बर्थ थी। रात में पत्नी को पेट में दर्द उठा। दवा देकर रात 11 बजे पत्नी को 13 नंबर सीट पर सुला दिया। बेटा भी पत्नी के साथ लेटा था। वह 14 नंबर सीट पर सो गए।

उमेश के मुताबिक रात 2.30 बजे हमारी नींद खुली तो बेटा सीट पर नहीं था। ग्वालियर से डबरा के बीच दौड़ रही ट्रेन से बच्चा चोरी गया। पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर हम सुबह झांसी उतरे। वहां से छतरपुर चले गए। बाद में वापस आकर 7 अप्रैल को परिवार ने ग्वालियर GRP थाने में शिकायत की। पुलिस ने अपहरण में केस दर्ज कर सभी थानों को सूचना भेज दी।

इस दौरान पता चला कि एक अबोध बच्चा इंदौर में मालवा एक्सप्रेस में ही एक दंपती को वह मिला था। इस दंपती का कहना था कि ट्रेन में लोगों से पूछा भी कि बच्चा किसका है? किसी के सामने नहीं आने पर इंदौर GRP को बच्चा सौंपा। इसकी जानकारी लगने पर उमेश व परिजन बच्चे को लेने इंदौर पहुंच गए और बुधवार को बच्चा लेने के बाद वापस ग्वालियर आएंगे। उनके साथ ग्वालियर GRP के जवान भी हैं।