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जिलाध्यक्ष बने बीके गौतम, शीघ्र होगी नये प्रत्याशी की घोषणा 

झांसी। बहुजन समाज पार्टी के शीर्षस्थ नेतृत्व द्वारा झांसी -ललितपुर संसदीय सीट ऐसा बड़ा एक्शन लिया कि राजनैतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म हो गया। इसके पीछे अंदरखाने भितरघात, अनुशासन हीनता का पर्दाफाश होना है। बसपा ने झांसी-ललितपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी राकेश कुमार कुशवाहा को घोषणा के आठ दिन बाद ही बुधवार की देर सायं पार्टी से ही निकालने के साथ ही टिकट भी काट दिया। इतना ही नहीं पार्टी के झांसी जिलाध्यक्ष को तो हटा दिया और मंडल प्रभारी कैलाश पाल का भी कद घटा कर ललितपुर का जिला प्रभारी बनाया है। फिलहाल अभी नए प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है।

बुधवार को बहुजन समाज पार्टी ने झांसी-ललितपुर लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी राकेश कुमार कुशवाहा बरुआ को घोषणा के आठ दिन बाद ही अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके अतिरिक्त जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को भी हटाकर बीके गौतम को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। यह निष्कासन की विज्ञप्ति देर सायं को नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ने जारी की। पार्टी ने कैलाश पाल को मंडल प्रभारी पद से हटाकर ललितपुर का जिला प्रभारी बनाया है।

दरअसल, बहुजन समाज पार्टी ने 9 अप्रैल को झांसी-ललितपुर लोकसभा सीट से राकेश कुशवाहा बरुआ को प्रत्याशी घोषित किया था। इसकी घोषणा बुंदेलखंड के चीफ कोआर्डिनेटर लाला राम अहिरवार ने कार्यकर्ता सम्मेलन में की थी। इस दौरान दोनों मंडल प्रभारी कैलाश पाल और बीडी फुले, जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार मौजूद थे। इसके बाद बुधवार की शाम को बसपा की ओर से जिलाध्यक्ष बीके गौतम ने राकेश कुशवाहा बरुआ के पार्टी से निष्कासन की विज्ञप्ति जारी की। निष्कासन का कारण अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होना बताया गया है। इस संबंध में बुंदेलखंड के चीफ कोआर्डिनेटर लाला राम अहिरवार ने बताया कि राकेश कुशवाहा को निष्कासित करने के साथ ही जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को हटाकर बीके गौतम को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। कैलाश पाल को मंडल प्रभारी पद से हटाकर ललितपुर का जिला प्रभारी बनाया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी को प्रदर्शन खराब रहने का फीडबैक मिला, इसी के आधार पर कार्रवाई की गई है। फिलहाल बीके गौतम ने बताया जल्द ही पार्टी के निर्देश पर बैठक कर प्रत्याशी घोषित किया जाएगा।

गुटबाजी के चलते गिरी गाज 

झांसी -ललितपुर संसदीय सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने जातिगत समीकरणों का ध्यान रखते हुए कुशवाहा समाज से राकेश कुशवाहा बरुआ को प्रत्याशी घोषित किया था। प्रत्याशी की घोषणा के बाद से पार्टी का एक गुट असंतुष्ट था। यह मामला बसपा सुप्रीमो मायावती तक पहुंचाया गया। बताया जाता है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पुराने कार्यकर्ताओं से यहां की पूरी जानकारी लेने के बाद प्रत्याशी को हटाने का निर्णय लिया है।

पार्टी इतनी जल्दी और इन बदली परिस्थिति में अब किसको इस संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतारती है। पार्टी के लिए यह एक चुनौती भी खड़ी हो गई है।माना जा रहा है कि इसका असर पार्टी के नये प्रत्याशी के चुनाव पर भी पड़ सकता है। झांसी-ललितपुर लोक सभा सीट से भाजपा व इंडिया गठबंधन प्रत्याशी जहां मतदाताओं को साधने में जुटे हैं, वहीं प्रत्याशी चयन में पहले से ही पिछड़ी बसपा कब तक निर्णय लेगी भविष्य के गर्भ में है।

प्रत्याशी घोषित होते ही बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे दिग्गज नेता

झांसी में हुए 9 अप्रैल को कार्यकर्ता सम्मेलन में जैसे ही बुंदेलखंड प्रभारी लाला राम अहिरवार ने राकेश कुशवाहा को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा की वैसे ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और कुछ पदाधिकारियों ने बगलें झांकना शुरू कर दिया था। और अंदरूनी तरीके से प्रत्याशी का विरोध भी शुरू हो गया था। लेकिन पार्टी के डर और कहीं अनुशासनहीनता की कार्यवाही न हो जाए किसी ने भी खुलकर विरोध नहीं किया। लेकिन चंद घंटों में ही लोधी समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले बुंदेलखंड के कद्दावर नेता दशरथ सिंह ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम कर सबको चौंका दिया था। इसके बाद से ही पार्टी में उथल-पुथल शुरू हो गई थी।