– मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता आगरा अटैच, संविदाकर्मी के खिलाफ रिपोर्ट
झांसी। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा के झांसी भ्रमण के दौरान उपभोक्ता से रिश्वत मांगने की शिकायत को सही पाये जाने पर एक बड़ी कार्यवाही की गयी है। उक्त प्रकरण में झांसी के मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता को मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है तथा उपखण्ड अधिकारी एवं अवर अभियन्ता को निलम्बित कर गया गया है। साथ ही नगरीय क्षेत्र के अधिशासी अभियन्ता को कठोर चेतावनी दी गयी है तथा एक संविदाकर्मी के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है।
दरअसल, ऊर्जामंत्री द्वारा झांसी नगर के भ्रमण के दौरान सीपरी विद्युत उपकेन्द्र का औचक निरीक्षण एवं नये संयोजनों की पत्रावलियों का सघन परीक्षण किया गया। जिसमें से एक उपभोक्ता से मंत्री ने सीधी बात की और पाया कि उपभोक्ता से संयोजन देने के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही है और उसका संयोजन लगभग डेढ़ माह से लम्बित है। ऊर्जा मंत्री ने इस प्रकरण में जाँच करने के निर्देश दिये। जाँच में उपभोक्ता का कथन सही पाया गया। इस पर मंत्री द्वारा अप्रसन्न्ता व्यक्त करते हुए कहा कि जनपद झांसी में मुख्य अभियन्ता से लेकर अवर अभियन्ता तक के अधिकारी तैनात होने के बाद भी बीपीएल संयोजन निर्गत करने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग रहा है। उक्त प्रकरण में अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही करने तथा समय-समय पर अनुश्रवण न करने एवं उपभोक्ताओं का उत्पीडऩ करना पाया गया। मंत्री द्वारा इन लापरवाह अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही के लिए निर्देश दिये गये व निर्देशित किया गया है कि भविष्य में ऊर्जामंत्री द्वारा इसी प्रकार औचक निरीक्षण किया जायेगा तथा अनियमितता पाये जाने पर इससे भी कठोर कार्यवाही की जायेगी।
उक्त प्रकरण में प्रबन्ध निदेशक एस0के0 वर्मा द्वारा जांच करायी गयी जिसमें प्रथम दृष्टिया आरोपों को सही पाया गया जिस पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिये गये। इस क्रम में प्रबन्ध निदेशक द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुये झांसी के मुख्य अभियन्ता सहदेव सिंह गोयल व नगरीय क्षेत्र के अधीक्षण अभियन्ता राकेश वर्मा को आगरा मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया, नगरीय क्षेत्र के अधिषासी अभियन्ता अनुभव कुमार को कठोर चेतावनी देकर भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न होने की चेतावनी दी गयी, उपखण्ड अधिकारी चन्द्रेश सिंह तोमर व अवर अभियन्ता हरिओम कुशवाहा को निलम्बित कर दिया गया तथा मामले में प्रत्यक्ष दोषी संविदाकर्मी चन्द्र प्रकाश के विरूद्व प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी।
मंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिये गये हैं कि जो भी नये संयेाजन की कार्यवाही महीनों से लम्बित है उसे दो दिन में पूर्ण कर उपभोक्ताओं को तत्काल संयोजन निर्गत किये जायें। इस पर प्रमुख सचिव ऊर्जा ने प्रदेश भर के सभी विद्युत अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कहीं भी यदि इस तरह की शिकायत सही पायी गयी वहां पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा है कि उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन तत्काल स्वीकृत किये जायें और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो। यह भी निर्देश दिये गये हैं कि उपकेन्द्रों पर सभी अपेक्षित अभिलेख अध्यावधिक रखे जायें तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उपकेन्द्रों का नियमित निरीक्षण किया जाय।