झांसी। अक्सर ट्रेन की लेट लतीफी पर यात्रियों को परेशानी व झुंझलाहट होती है, किंतु ट्रेन की लेट लतीफी से 13 वर्षीय हैंड बाल प्लेयर की जान बच गई। आश्चर्यचकित कर देने वाला यह घटनाक्रम वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर घटित हुआ।

दरअसल, लखीमपुर खीरी निवासी 13 वर्षीय हैंडबॉल खेल की खिलाड़ी अनामिका झांसी में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में चल रहे प्रादेशिक विद्यालीय हैंडबॉल गेम्स में प्रतिभाग करने अपनी टीम के साथ झांसी आई थी। मंगलवार को अनामिका अपनी कोच जयमती व अन्य साथी खिलाड़ियों के साथ लखनऊ जाने के लिए शाम 5.30 बजे झांसी स्टेशन पहुंची थी। यहां सभी खिलाड़ियों को साबरमती एक्सप्रेस से यात्रा करनी थी। ट्रेन लगभग 40 मिनट विलंब से चल रही थी। इसलिए सभी प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान अनामिका को अचानक घबराहट और सीने में दर्द होने लगा। देखते ही देखते वह निढाल हो गई। इसके बाद कोच ने रेलवे से बच्ची के लिए मदद मांगी।

यहां सूचना मिलते ही ड्यूटी पर तैनात डिप्टी एसएस राजीव श्रीवास्तव आरपीएफ की महिला सिपाही पूर्वा माला के साथ प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर पहुंच गए। इसी बीच रेलवे चिकित्सक भी आ गए। डॉक्टर ने अनामिका का स्वास्थ्य परीक्षण कर उसे अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। डिप्टी एसएस और महिला सिपाही ने बालिका को गोद में उठाया और प्लेटफॉर्म नंबर एक की ओर दौड़ पड़े। यहां एंबुलेंस द्वारा अनामिका को रेलवे अस्पताल भेजकर भर्ती कराया गया। जहां जांच में पता चला कि उसे हार्ट अटैक आया है। उसकी हालत गंभीर होने पर आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। जहां बालिका का उपचार चल रहा है।

ट्रेन लेट न होती तो खतरे में पड़ जाता बालिका का जीवन
ट्रेन का लेट होना अनामिका के लिए जीवन रक्षक सिद्ध हुआ। मंगलवार को साबरमती एक्सप्रेस 40 मिनट की देरी से झांसी पहुंची। लेकिन उससे पहले अनामिका की तबियत बिगड़ गई। यदि ट्रेन समय पर आ जाती तो रास्ते में बालिका को इलाज मिलना मुश्किल हो जाता।