दो सत्रों में रुद्र महायज्ञ में श्रृद्धालुओं ने आहुतियां देकर पुण्य लाभ अर्जित किया 

झांसी। बजरंग कॉलोनी में रुद्र महायज्ञ व मंदिर में भगवान की प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अंतर्गत चल रही श्रीमद् भागवत कथा में भागवत आचार्य श्री हनुमान दास जी महाराज ने मंगलाचरण की कथा सुनाते हुए बताया कि श्री सूत जी से सोनकादिक ऋषियों ने 6 प्रश्न किये उन 6 प्रश्नों का संपूर्ण उत्तर ही श्रीमद् भागवत महापुराण है। जीव संसार में दिन-रात भटकता रहता है और धन प्राप्ति को ही सबसे बड़ा सुख मान बैठता है। वह इस धन प्राप्ति के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। इस धन की प्राप्ति के लिए अनेकों दुराचार और पाप करता है परंतु जब विपत्ति में फंस जाता है और इस धन से भी उस विपत्ति का समाधान नहीं होता है, सगे संबंधी भी काम नहीं आते हैं। तब अंत में भगवान की ओर मुड़ता है और अपने किए का पछतावा करता है जबकि हर कर्म को करते हुए यदि भगवान को याद करता रहेगा, भजन करता रहेगा तो गलत कर्म में प्रवृत्ति नहीं होगी। बार-बार उसका मन उसको गलत मार्ग पर जाने से रोकेगा। इसलिए सारों का सार है श्री भगवन नाम जिसकी इसमें प्रीति हो जाती है उसके लिए कुछ भी अगम नहीं बचता है।

इस अवसर पर श्री हरिवंश दास जी ने जब “ऐसा क्या काम किया प्रभु जो तुमने मेरा हाथ थाम लिया” भजन सुनाया तो श्रोता झूमने लगे । प्रारंभ में भागवत का पूजन श्री राम नरेश तिवारी डायरेक्टर एनटीपीसी भारत सरकार, भाजपा नेता मोहन सिंह यादव, यजमान सुषमा अनिल खरे ने किया। आरती रेलवे के रिटायर्ड सीएमई धर्मेंद्र नायक एवं सरस्वती संजय दुबे ने की।

सुबह व सायं के सत्रों में आज भी रुद्र महायज्ञ में श्रृद्धालुओं ने भाग लेकर धर्म लाभ अर्जित किया। सुबह अरविंद नगाईच अवधेश निरंजन, डॉ प्रज्ञा नीरज श्रीवास्तव ने आहुतियां डाल एवं पूजन कर यज्ञ संपन्न कराया। इस अवसर पर डॉ मुकुट निरंजन, पंकज मिश्रा, छत्रपाल सिंह राजपूत, रानू, अंशु द्विवेदी, बाबू, संजू, गोलू रैकवार, विष्णु यादव, अनुपम व्यास, राजा, अरविंद, राष्ट्रभक्त संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अंचल अरजरिया, सत्यम दुबे, अभिषेक, राहुल निबोरिया आदि उपस्थित रहे।