दरियागंज स्टेशन पर डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग प्रणाली सफलता पूर्वक चालू
झांसी। मंडल के खजुराहो-ललितपुर रेल खंड में स्थित दरियागंज स्टेशन पर डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग प्रणाली का सफलतापूर्वक कमीशनिंग कार्य 08 फरवरी को पूरा किया गया। यह कार्य मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा के कुशल मार्ग दर्शन व वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता (समन्वय) नरेंद्र सिंह, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार अभियंता ( ब्रांच लाइन) रश्मि गौतम और सहायक मंडल सिग्नल एवं दूर संचार इंजीनियर/महोबा अमरेश कुमार के नेतृत्व में संपन्न हुआl
क्या है डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग प्रणाली
अब तक इस खंड में सिंगल डिस्टेंट सिग्नलिंग प्रणाली (Single Distant Signaling) का उपयोग किया जाता था, जिसमें केवल एक डिस्टेंट सिग्नल होता था। यह प्रणाली लोको पायलट को आगे के होम सिग्नल की स्थिति के बारे में सूचना देती थी, लेकिन तेज गति वाली ट्रेनों के लिए यह हमेशा प्रभावी नहीं होती थी। डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग प्रणाली में अब दो डिस्टेंट सिग्नल लगाए गए हैं, जो लोको पायलट को पहले से ही अगले सिग्नल की स्थिति की अधिक स्पष्ट और विस्तृत जानकारी देते हैं। इससे ट्रेनों के संचालन में अधिक कुशलता आती है और सुरक्षा में वृद्धि होती है।
डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग प्रणाली के लाभ
संरक्षा में वृद्धि– लोको पायलट को पहले से ही आगे के सिग्नल की स्थिति की जानकारी मिलती है, जिससे अचानक ब्रेक लगाने या दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है।
बेहतर नियंत्रण और तैयारी – दो सिग्नलों की सहायता से लोको पायलट को अधिक समय मिलता है, जिससे वह ट्रेन की गति को सही ढंग से नियंत्रित कर सकता है।
समयबद्धता और परिचालन दक्षता – ट्रेनों के सुचारू संचालन से परिचालन अधिक प्रभावी होगा, जिससे विलंब में कमी आएगी।
ईंधन और ऊर्जा की बचत – ट्रेनों को बार-बार तेज और धीमा करने की जरूरत कम होगी, जिससे ऊर्जा और ईंधन की बचत होगी।
अधिक ट्रेनों के संचालन की संभावना – सुरक्षित और सुचारू परिचालन से रेल खंड की क्षमता बढ़ेगी, जिससे अधिक ट्रेनों का संचालन संभव होगा।
आधुनिकीकरण की ओर एक और कदम
यह कार्य Siemens मेक पीआई प्रणाली में परिवर्तन के माध्यम से पूरा किया गया है। डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग प्रणाली के लागू होने से झाँसी मंडल में ट्रेन परिचालन और अधिक कुशल एवं सुरक्षित होगा।