दहेज़ के खिलाफ फूंका बिगुल, समाज में स्थापित किया प्रेरक आदर्श
झांसी। यह सत्य है कि धन-दौलत घर परिवार चलाने के लिए जरूरी है, किन्तु इसकी पूर्ति के लिए किसी पर दवाब बना कर अनावश्यक धनोपार्जन करना उचित नहीं समझा जाता। कुछ ऐसी सामाजिक कुरीतियां हैं जिन्हें लोग बुरा तो समझते हैं, किन्तु मानते नहीं। हम बात कर रहे हैं दहेज जैसी कुरीति की।
दहेज दानव ने न जाने कितने हंसते खिलखिलाते परिवारों की खुशियों पर ग्रहण लगा दिया और यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है क्योंकि दहेज़ लोलुपता बढ़ती ही जा रही है। ऐसा नहीं है कि दहेज़ के खिलाफ आवाज़ बुलंद नहीं हुई हो और लोगों ने आदर्श स्थापित नहीं किया हो। ऐसा ही एक प्रेरक उदाहरण नामदेव समाज में देखने को मिला तो सभी का दिल गदगद हो गया।
दरअसल, झांसी में 02 फरवरी 2025 को लेखपाल भारतेन्दु नामदेव के पुत्र नितिन नामदेव का विवाह दीपाली नामदेव (शिक्षिका) पुत्री राधा मोहन नामदेव पूर्व प्रधानाचार्य उरई से हुआ। उस शादी में कुछ ऐसा अद्भुत दृश्य देखने को मिला है जो दहेज जैसी कुरीति पर कड़ा प्रहार है। यह शादी नामदेव समाज के लिए ही नहीं अन्य समाजों के लिए भी एक बहुत बड़ी मिशाल बन गयी है।
इस शादी में वर पक्ष द्वारा दहेज नहीं लिया गया। ऐसा नहीं है कि वधु पक्ष सक्षम नहीं था। दोनों परिवार के सामर्थ और सम्पन्नता होते हुए भी शून्य valence से शादी बड़ी धूम धाम से सम्पन्न हुई और समाज में उदाहरण बन गई। इस विवाह में मंत्री, सांसद विधायक गण, मजिस्ट्रेट, प्रधान, इंजीनियर, डॉक्टर, शिक्षक, कर्नल आदि नामचीन हस्तिया मौजूद रहीं। सभी ने लेखपाल भारतेन्दु नामदेव द्वारा दहेज़ जैसी कुरीति के खिलाफ प्रस्तुत किए गए उदाहरण की खुले दिल से सराहना की और वर वधु को आशीर्वाद प्रदान किया।