झांसी। पुणे से झांसी के लिए स्लीपर कोच में यात्रा कर रहा एक शिक्षक जहरखुरान गिरोह का शिकार बन गया। परिजनों द्वारा सम्पर्क नहीं हो पाने पर उसकी तलाश का प्रयास किया तो झांसी स्टेशन पर डिप्टी एस एस की मदद से उसे कोच में बेहोशी की हालत में तलाश कर उतार लिया गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां हालत नाजुक बनी हुई है।
जिला जालौन के दलालन पुरा निवासी 28 वर्षीय प्राइवेट टीचर दीपक कुमार लगभग एक माह पहले महाराष्ट्र के पुणे में ऑनलाइन ट्रेडिंग के जाब के लिए गए थे। दीपक एक माह बाद अपने घर लौट रहे थे। उन्होंने 22685 यशवंतपुर-चंडीगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का टिकट लिया और पुणे से झांसी के लिए ट्रेन में सवार हो गए। लेकिन रास्ते में वह जहरखुरान गिरोह का शिकार हो कर बेहोश हो गए। इसके कारण घर वालों का जब दीपक से कोई संपर्क नहीं हो सका तो वह परेशान हो गये और उसकी तलाश के लिए झांसी आ गए। सूचना मिलने पर यहां उक्त ट्रेन के आने पर सर्च ऑपरेशन चलाया।
हालांकि रेलवे स्टाफ के लिए यह तलाश मुश्किल थी क्योंकि उनकी सीट और कोच के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। दरअसल दीपक कुमार के छोटे भाई पंकज की अपने भाई से बात रविवार को ट्रेन के पुणे से चलने के 2 घंटे बाद सुबह लगभग 11 बजे हुई थी। दीपक ने बताया था कि रिजर्वेशन नहीं मिला है। इसलिए उसने जनरल का टिकट ले लिया है। पंकज ने बताया कि इसके बाद उसने 2 बजे जब भाई को फोन लगाया तो उनका फोन नहीं उठा। दो बार कॉल करने के बाद दीपक का फोन स्विच ऑफ हो गया।
वाट्सग्रुप में भुसावल में भर्ती की जानकारी गलत निकली
पंकज डॉक्टर अंबेडकर नाम के एक वाट्सएप ग्रुप से जुड़ें हैं। इसी ग्रुप में रविवार की शाम लगभग 5 बजे एक पोस्ट अपलोड हुई थी कि एक युवक के साथ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में जहर खुरानी हुई है। उसे गंभीर हालत में ट्रेन से उतारकर भुसावल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वायरल हुई पोस्ट जब पंकज ने देखी तो वह अपने भाई को पहचान गए। इसके बाद परिवार के सभी लोग उन्हें ढूंढने में जुट गए। पंकज ने वाट्सएप ग्रुप पर भाई से जुड़ी पोस्ट देख कर रेलवे से मदद के लिए 139 पर संपर्क किया। यहां भुसावल मैसेज पहुंचा तो वहां से रेल अधिकारियों ने जानकारी कर पंकज को बताया कि यहां के अस्पताल में ऐसा कोई युवक भर्ती नहीं है। उन्होंने पंकज को चेताया कि ये साइबर अपराधियों का काम है और आपको डरा कर वह पैसे ऐंठना चाहते हैं। इस पोस्ट पर विश्वास न करें।
दीपक के परिवार को जब कोई जानकारी नहीं मिली तो वह इस आस में झांसी स्टेशन आ गए कि जिस ट्रेन में दीपक सवार हुए थे शायद उसी ट्रेन में मौजूद हों। पंकज ने झांसी डिप्टी एसएस एसके नरवरिया से मदद मांगी तो वह तत्काल सुरक्षा कर्मियों को लेकर प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए। यहां सुबह 4.30 बजे ट्रेन पहुंची तो दीपक की तलाश के लिए पूरी ट्रेन में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसी दौरान दीपक स्लीपर कोच की एक सीट पर बेहोश पड़े मिले। रेलवे डॉक्टर ने उनका परीक्षण कर मेडिकल में भर्ती कराने का सुझाव दिया लेकिन परिजन उन्हें अपनी मर्जी से जालौन ले गए। जहां अस्पताल में इलाज कराया गया, किंतु हालत चिंताजनक है।