तीन महीने में 1800 लोको पायलटों को चार्जशीट थमाने पर भड़का आक्रोश
रेल अधिकारी पर लोको पायलटों के उत्पीड़न का आरोप, यात्रियों की सुरक्षा खतरे में!
झांसी। भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब रेलवे परिचालन विभाग के किसी अफसर की कार्यप्रणाली के खिलाफ कोई कर्मचारी संगठन आवाज बुलंद नहीं कर पाया, किंतु पीड़ित लोको पायलट्स की दुःखी पत्नियों ने इस अफसर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य का समर्थन मिला तो झांसी मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में हंगामा हो गया। यह प्रदर्शन झांसी मंडल के सीनियर डीई आपरेटिंग के खिलाफ है। प्रदर्शनकारियों ने उक्त रेल अधिकारी पर उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे को उठाते हुए रेल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में बताया है।
मंगलवार को पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में रेलवे के लोको पायलटों की पत्नियों ने मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में तैनात एक विशेष अधिकारी लगातार रेलवे के लोको पायलटों का उत्पीड़न कर “वर्ल्ड रिकॉर्ड” बना दिया है, जिसके तहत उसने तीन महीने में बिना किसी उचित जांच के 1800 लोको पायलटों को चार्जशीट थमा दी है।
पूर्व मंत्री ने झांसी में रेल कर्मियों के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया, चाहे वे आरपीएफ कर्मी हों, रेलवे के अन्य कर्मचारी हों या फिर लोको पायलट। उन्होंने कहा कि इन सभी के अच्छे कार्यों के कारण ही झांसी का नाम रोशन हो रहा है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि विभाग में तैनात एक अधिकारी बिना किसी ठोस कारण के लोको पायलटों को अंधाधुंध तरीके से चार्जशीट पकड़ा रहा है, जो सरासर अन्याय है।
उन्होंने आगे कहा कि इस अधिकारी की दमनकारी नीति के चलते परेशान लोको पायलटों के घरों के चूल्हे तक बुझने लगे हैं और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। पूर्व मंत्री ने चेतावनी दी कि इस स्थिति से रेल यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि मानसिक रूप से प्रताड़ित लोको पायलट तनाव में रहेंगे और ऐसी स्थिति में गाड़ी को सुरक्षित रूप से गंतव्य तक ले जाना मुश्किल हो सकता है।
दरअसल, पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य को रेल चालकों के परिवार के सदस्यों द्वारा बताया गया कि रेल चालकों का सीनियर डीई आपरेटिंग द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न से परिवार बिखर रहे हैं और उनकी सुख शान्ति खत्म हो रही है, उनके परिवार के सदस्य रेल चालक तनाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
भारी संख्या में परिजनों ने पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य के साथ प्रदर्शन किया। तदोपरान्त पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ने मण्डल रेल प्रबन्धक के समक्ष रेल चालकों के सीनियर डीई आपरेटिंग द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न की समस्या को उठाया और वार्ता की। प्रदीप जैन आदित्य ने मण्डल रेल प्रबन्धक को बताया कि सीनियर डीई आपरेटिंग ने पन्द्रह महीने में 1800 से अधिक चार्जशीटें रेल चालकों का जारी की हैं। रेल चालक मानसिक और आर्थिक रूप से प्रत्याड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेल चालक के साथ यात्रियों की सुरक्षा जुड़ी हुई है। सुरक्षित यात्रा के लिए ज़रूरी है कि रेल चालक तनाव मुक्त हो। इसके अलावा सीनियर डीई आपरेटिंग रेल बोर्ड के आदेशों की अवहेलना करते हुए रेल चालकों से लोको इन्सपेक्टर का काम ले रहे हैं। इस कारण भी रेल चालकों का कार्य का बोझ बढ़ रहा है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मंडल रेल प्रबंधक को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने संबंधित रेल अधिकारी का तत्काल तबादला करने की मांग की है। इस घटना ने रेलवे विभाग में व्याप्त तनाव और कर्मचारियों की समस्याओं को उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि मंडल रेल प्रबंधक इस गंभीर मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं। इस मौके पर जिला अध्यक्ष देशराज रिछारिया, पूर्व शहर अध्यक्ष इम्तियाज़ हुसैन, अखिलेश गुरूदेव, अनिल रिछारिया, अमित करोसिया, शैलेन्द्र वर्मा शीलू, अमीर चन्द आर्य, आर डी फौजी, हरी शंकर बाल्मिकी, मज़हर अली और भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहीं।