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चंद रुपयों की खातिर नाबालिग छात्र छात्राओं को दिया गया प्रवेश 

झांसी। चंद रुपयों के लालच में नियमों को दरकिनार कर थाना सीपरी बाजार के ग्वालियर रोड पर बूढ़ा नहर के पास बने गोल्डन स्विमिंग पूल में नाबालिगों को प्रवेश दिया जाने की कीमत 13 वर्षीय छात्र रवि को जान देकर चुकानी पड़ी। इस पूल में न ही सुरक्षा के कोई इंतजाम थे और न ही पूल पर कोई प्रशिक्षक। रवि की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तरणताल को बंद करा दिया। पुलिस मामले के दूसरे पहलुओं की भी जांच कर रही है।

नहाने पहुंचे चौथी के छात्र रवि (13) की डूबकर मौत हो गई। उसके साथ तीन नाबालिग लड़कियां भी नहाने गई थीं लेकिन घटना से डरकर तीनों वहां से निकलकर भागने लगीं। दो लड़कियों को स्टॉफ ने पकड़ लिया, लेकिन वे भी लोगों को चकमा देकर वहां से निकल भागीं।  रवि की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तरणताल को बंद करा दिया। पुलिस मामले के दूसरे पहलुओं की भी जांच कर रही है।

थाना नवाबाद क्षेत्र के खुशीपुरा निवासी कारपेंटर दीपक के पिता कल्लू का डेढ़ साल पहले निधन हो गया था। इसके बाद से छोटे भाई रवि का पालन पोषण वही करता था। रवि खुशीपुरा स्थित वीरांगना स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र था। परिजनों ने बताया कि मंगलवार को रवि स्कूल जाने की बात कहकर निकला था लेकिन मोहल्ले की तीन नाबालिग लड़कियों के साथ वह ग्वालियर रोड के बूढ़ा नहर के पास स्थित गोल्डन तरणताल पहुंच गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि करीब 20 मिनट नहाने के बाद ही तीनों लड़कियां पूल से निकलकर भागने लगीं।

गार्ड के पहुंचने पर रवि पानी में अचेत पड़ा मिला। उसे तुरंत पूल से बाहर निकाला गया। रवि के पेट का पानी निकाल कर सांस देने की कोशिश की गई, किंतु होश न आने पर मेडिकल कॉलेज भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उधर, मौका मिलते ही दोनों लड़कियां भी भाग निकलीं। पुलिस को अभी तक यह पता नहीं चला कि चारों वहां तक कैसे पहुंचे। मामले की अभी छानबीन कराई जा रही है। पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

तरणताल संचालक लियाकत अली का गैर जिम्मेदाराना दावा यह है कि उन्होंने सभी को तरणताल में प्रवेश की इजाजत नहीं दी थी। उसमें से एक लड़की की उम्र ज्यादा थी। उसके कहने पर उन्हें प्रवेश दिया गया। हालांकि इनमें से किसी का भी नाम पूल के रजिस्टर में दर्ज नहीं मिला। नियमानुसार किसी भी दशा में अभिभावक की मौजूदगी के बिना नाबालिग को पूल में जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती, लेकिन चंद रुपयों के लालच में आकर नाबालिग को अकेले ही पूल में जाने की इजाजत दे दी गई। पूल संचालक ने सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगवाए। पुलिस के मांगने पर उसने कहा कि बारिश की वजह से डीवीआर में पानी घुस गया। इस वजह से कैमरे काम नहीं कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि दोपहर में चारों पूल में पहुंचे थे। सभी नाबालिग थे। इसके बावजूद संचालक ने उन्हें पूल में कैसे प्रवेश दिया यह सवाल बना हुआ है।

महानगर में करीब 250 से अधिक तरणताल धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। सीपरी बाजार थाने के बूढ़ा नहर के पास ही आधा दर्जन से अधिक तरणताल संचालित हैं। उनमें मानक के अनुरूप सुरक्षा के कोई इंतजाम ही नहीं हैं और  न ही संचालकों ने इसके लिए न खेल विभाग से लाइसेंस लिया। यहां तक की इनमें लाइफ गार्ड एवं लाइफ जैकेट जैसी जरूरी चीजों का भी इंतजाम नहीं है। गार्ड की व्यवस्था भी नहीं है। यदि प्रशासन पहले ही पूलों की जांच पड़ताल कर लेता तो एक परिवार की खुशियों पर ग्रहण नहीं लगता।