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युवा CA ने हीलियम गैस पीकर की आत्महत्या

नई दिल्ली। “मेरे लिए मौत ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। कृपया मेरी मौत पर शोक न करें। आत्महत्या करना बुरा नहीं है। क्योंकि मैं किसी के लिए ज़िम्मेदार नहीं हूँ।” यह लाइनें किसी फिल्म के डायलॉग नहीं हैं, यह उस युवा सीए की हंसती मुस्कुराती जिंदगी के मौत के आगोश में समांने के पूर्व लिखी इबारत है जिसने सवाल खड़े कर दिए हैं।

दिल्ली के बाराखंभा थाना क्षेत्र में आत्महत्या का हैरान कर देने वाला आश्चर्यचकित कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक युवा चार्टर्ड अकाउंटेंट ने अपने मुँह में हीलियम गैस भरकर आत्महत्या कर ली।  मृतक की पहचान धीरज कंसल के रूप में हुई है और वह गुरुग्राम की एक कंपनी में काम करता था।

आत्महत्या से पहले मृतक ने फेसबुक पर एक सुसाइड नोट पोस्ट किया था । इसमें लिखा था, “मेरे लिए मौत ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। कृपया मेरी मौत पर शोक न करें। आत्महत्या करना बुरा नहीं है। क्योंकि मैं किसी के लिए ज़िम्मेदार नहीं हूँ।” सुसाइड नोट में धीरज ने अपनी मौत के लिए किसी को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया। धीरज ने सोमवार सुबह मंडी हाउस के पास बाज़ार लेन स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली।

प्रकाश में आया कि धीरज ने 3500 रुपये का हीलियम गैस सिलेंडर ऑनलाइन मंगवाया था। उसने आत्महत्या के लिए हीलियम गैस को चुना। धीरज ने बंगाली मार्केट स्थित एक गेस्ट हाउस में हीलियम गैस से अपना मुँह भरकर आत्महत्या कर ली। धीरज मूल रूप से हरियाणा के करनाल का रहने वाला है। बाराखंभा थाना पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने मृतक धीरज के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को जाँच के लिए जब्त कर लिया है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 28 जुलाई को गेस्टहाउस में ठहरे एक मेहमान ने बाराखंभा थाने में पुलिस को सूचना दी कि उसके बगल वाले कमरे से दुर्गंध आ रही है। बाद में पुलिस, एफएसएल और दमकल विभाग की एक टीम मौके पर पहुँची और कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई। धीरज का शव बिस्तर पर पड़ा था। उसके मुँह में हीलियम सिलेंडर से जुड़ी एक ट्यूब लगी हुई थी। उसके चेहरे पर एक मास्क था और उस पर प्लास्टिक की चादर लिपटी हुई थी और गर्दन पर टेप चिपका हुआ था। पास में ही एक सिलेंडर, मास्क और मीटर वाला एक उपकरण मिला।

पुलिस जाँच में पता चला कि धीरज के पिता की 2003 में मृत्यु हो गई थी और उसकी माँ ने दूसरी शादी कर ली थी। कोई भाई-बहन नहीं थे। धीरज ने किन परिस्थितियों में मौत को गले लगाया रहस्यमय है।