झांसी। जिला जनकल्याण महासमिति झांसी एवं रानी झांसी फाउंडेशन झांसी के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार, 22 सितम्बर को श्री सिदेश्वर सिद्ध पीठ, ग्वालियर रोड, झांसी में एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन हुआ। यह संगोष्ठी डॉ. जितेन्द्र कुमार तिवारी के संयोजन तथा महानगर धर्माचार्य आचार्य पं. हरिओम पाठक जी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुई।

संगोष्ठी का विषय था— “नयी दीपावली: किसी के लिए उपहार, महिलाओं के लिए रोजगार और धरती माँ के संरक्षण का संकल्प।” वक्ताओं ने कहा कि दीपावली अब केवल दीप सजाने और मिठाइयाँ बाँटने का पर्व भर न रहकर, समाज को नई दिशा देने का माध्यम बने। “उपहार” का तात्पर्य है कि किताबें, कपड़े और खिलौने जैसे उपयोगी सामान जरूरतमंदों तक पहुँचाकर उनके जीवन में रोशनी और मुस्कान बाँटी जाए। “महिलाओं के लिए रोजगार” का आशय है कि एकत्रित पुराने कपड़ों से महिलाएँ हजारों कपड़े के थैले तैयार करें, जिससे वे आत्मनिर्भर बनें और समाज को पॉलिथिन से मुक्ति दिलाने में योगदान दें। वहीं “धरती माँ का संरक्षण” का संदेश है कि हर नागरिक प्लास्टिक और पॉलिथिन का प्रयोग बंद करके कपड़े के थैले अपनाए, ताकि पर्यावरण स्वच्छ और सुरक्षित रह सके।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाएँ और युवा मौजूद रहे। कार्यक्रम में विशेष रूप से प्रतिमा ओझा, दीपा तिवारी, रचना शर्मा, सीता शर्मा, कीर्ति गुप्ता, हनी सीरोठिया, जोया खान, बीनू झा, भावना चंदेल, विमलेश शर्मा, पिंकी गुप्ता, निशा शर्मा, ज्योति झा, नीलू सेन, नीलम साहू, रंजना गुप्ता, बी.पी. नायक, आर.एन. उपाध्याय, अजय तिवारी, पंकज झा, प्रभात यादव, एस.के. नामदेव, मोहन शिवहरे, बबीता ओझा व सतेंद्र कुमार तिवारी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।डॉ. जितेन्द्र कुमार तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि दीपावली तभी पूर्ण होगी जब इसे जरूरतमंद की मुस्कान, महिला सशक्तिकरण और धरती माँ के संरक्षण से जोड़ा जाएगा।

मुख्य अतिथि आचार्य पं. हरिओम पाठक ने कहा कि दान, सेवा और पर्यावरण रक्षा जैसे कार्य ही दीपावली को वास्तव में पवित्र और मंगलमयी बनाते हैं।अंत में आयोजकों ने नगरवासियों से अपील की कि इस बार दीपावली केवल दीप और सजावट तक सीमित न रहे। आइए, जरूरतमंदों तक उपहार पहुँचाएँ, महिलाओं को रोजगार से जोड़ें और पॉलिथिन छोड़कर कपड़े के थैले अपनाएँ। यही होगी सच्ची “नयी दीपावली: मुस्कान हर घर में, पॉलिथिन कहीं नहीं।”