सांसद अनुराग शर्मा ने कहा—महिला उद्यमिता और पेयजल सुविधा ही बुंदेलखंड के विकास की कुंजी

झांसी। झांसी-ललितपुर के सांसद अनुराग शर्मा ने बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं के सशक्तिकरण, उनकी चुनौतियों और उनके समग्र विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को अत्यंत प्रभावी ढंग से सदन में रखा। उन्होंने कहा कि “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को तभी प्राप्त किया जा सकता है जब देश की महिलाएँ आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से मजबूत हों। बुंदेलखंड की एसएचजी महिलाएँ अपने कौशल, मेहनत और आत्मविश्वास से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पहचान को नई दिशा दे रही हैं, परंतु उन्हें अभी भी कई संरचनात्मक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

सांसद ने बताया कि बैंक ऋण की स्वीकृति में अत्यधिक देरी, बाज़ार तक सीमित पहुंच, कौशल प्रशिक्षण की कमी, क्लस्टर आधारित औद्योगिक ढांचे का अभाव और सामाजिक सुरक्षा न मिलने जैसे मुद्दे आज भी हजारों महिला उद्यमियों के सामने बड़ी बाधा बने हुए हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि एसएचजी बैंक लिंकेज 15 दिन के भीतर सुनिश्चित किया जाए, और मिलेट, मसाला, डेयरी, हथकरघा तथा फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक क्लस्टर बुंदेलखंड में स्थापित किए जाएँ, जिससे महिलाओं को रोजगार, प्रशिक्षण और बाज़ार के बेहतर अवसर मिल सकें।

इसके साथ ही उन्होंने ब्रांडिंग, पैकेजिंग और डिजिटल प्रशिक्षण के लिए स्थायी जिला-स्तरीय केंद्र स्थापित करने की मांग भी रखी, ताकि महिलाएँ आधुनिक उद्यमिता कौशल हासिल कर सीधे राष्ट्रीय बाजारों और GeM पोर्टल से जुड़ सकें। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि सभी एसएचजी महिलाओं को दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य बीमा और मातृत्व लाभ का स्वतः और समयबद्ध कवरेज दिया जाए। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह सिर्फ आर्थिक गतिविधियाँ नहीं हैं, बल्कि सम्मान, आत्म निर्भरता और ग्रामीण सशक्तिकरण की सशक्त पहचान हैं।

इसी के साथ सांसद अनुराग शर्मा ने संसद के नियम 377 के अंतर्गत अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़े जल जीवन मिशन (2022) के गंभीर मुद्दों को भी सदन के समक्ष प्रस्तुत किया । उन्होंने अपने प्रस्तुत लिखित भाषण में बताया कि झांसी जिले के 648 गाँवों में पेयजल आपूर्ति की योजना बनाई गई थी, परंतु आज भी 613 में से 213 गाँवों में पेयजल नहीं पहुँच सका है क्योंकि कई मल्टी-विलेज योजनाएँ अभी भी अधूरी हैं। वहीं ललितपुर जिले के 556 गाँवों में से 13 गाँव अब भी पेयजल सुविधा से वंचित हैं।

सांसद ने यह भी बताया कि क्षेत्र के दौरे के दौरान उन्होंने पाया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत बिछाई गई पाइपलाइनों में मानकों का पालन नहीं किया गया। आवश्यक गहराई न होने और प्रमुख सड़कों पर NOC प्राप्त किए बिना पाइपलाइन डालने के कारण सड़कों के मरम्मत, चौड़ीकरण और रखरखाव में कठिनाई बढ़ गई है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क क्षति, पानी रिसाव और अन्य समस्याएँ लगातार बनी हुई हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि इन गंभीर मुद्दों का तत्काल संज्ञान लेकर संबंधित विभागों को सुधारात्मक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाए, जिससे ग्रामीण जनता को सुरक्षित पेयजल और बेहतर बुनियादी सुविधाएँ समय पर उपलब्ध हो सकें।

सांसद अनुराग शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड की महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता दोनों ही क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र सरकार इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कदम उठाएगी