• बच्चा चोरी के संदेह में पकड़ा युवक दो वर्ष से गुमनाम था
    झांसी। भले ही अपराधियों व अन्यायियों के लिए पुलिस का चेहरा दुर्दान्त है, किन्तु पीडि़तों व दुखियों के चेहरों पर मुस्कान लाने के प्रयास में पुलिस पीछे नहीं हटती। ऐसे ही कारनामों की सूची में जनपद के थाना बड़ागांव पुलिस का एक ऐसा कारनामा जुड़ गया कि सभी ने खुले दिल से सराहना की। बड़ागांव थाना अध्यक्ष हरि श्याम की सूझबूझ से दो वर्ष से बिछुड़ा एक युवक जब अपने परिवार से मिल पाया तो दुखी चेहरों पर खुशियां बिखर उठीं।
    दरअसल, कुछ दिन पूर्व एक युवक को बच्चा चोर समझ कर लोगों ने थाना बड़ागांव पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने जब उससे बात कर हकीकत जानने की कोशिश की तो वह जिस भाषा में बात कर रहा था वह पुलिस की समझ में नहीं आ रही थी। उसकी बातचीत से लगा कि वह आंध्र प्रदेश का रहने वाला है। इस पर थाना प्रभारी ने क्षेत्र के परीछा थर्मल पावर में कार्यरत आंध्र प्रदेश के कर्मचारियों को बुलवा कर उस युवक की बात कराई। बातचीत में पता चला कि यह युवक अपने घर से 2 साल पहले लापता हो गया था। इसके बाद थानाध्यख ने उस युवक की फ ोटो और नाम-पता सर्कुलेट करवा दी। जैसे ही यह सूचना उक्त युवक के परिजनों को हुई तो वह थाना बड़ागांव पहुंच गए। थाने में परिजनों ने जब दो वर्ष से लापता अपने सदस्य को देखा तो उनकी आंखों से खुशी की गंगा बह निकली। उन्होंने बताया कि उस युवक का नाम वंथला सन्यासी राव है, उसके दो ब’चे व पत्नी भी है। वंथला की पत्नी के भाई ने बताया कि जब से उसके जीजा जी लापता हुए हैं तब से घर वालों की हालत बेहद ही खराब है। लेकिन अब इनके मिल जाने से हम लोगों को काफी खुशी हुई है। इस दौरान खुशी से भावविहल परिजनों ने थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली व प्रयासों की तहे दिल से सराहना करते हुए बताया कि यदि वह उसे जेल भेज देते या उसके बारे में छाबनी का प्रयास नहीं करते तो वंथला से वह नहीं मिल सकते थे।