झांसी। फिल्मी दुनिया की चकाचौंध से आकर्षित होकर मुम्बई माया नगरी भाग रहीं तीन नावालिग लड़कियों की किस्मत अच्छी थी जो बरुआसागर स्टेशन ही पकड़ गयीं, अन्यथा उनका भ् ाविष्य अंधेरे गर्त में डूबने से कोई नहीं बचा सकता था क्योंकि वह ऐसे व्यक्ति की बातों के जाल में फंस कर भाग रहीं थीं जिससे कभी मिली ही नहीं थीं।
दरअसल, झांसी के बरुआसागर रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर ने तीन नाबालिग लड़कियां को संदिग्ध परिस्थितियों में घूमते हुए देखा और मामला गड़बड़ समझ कर इसकी सूचना बरुआसागर थाने की पुलिस को दी। तीनों लड़कियों की उम्र लगभग 11, 12 व 13 वर्षीय थी। स्टेशन पर पहुंची पुलिस ने तीनों लड़कियों से पूछताछ की और उन्हें अपने साथ थाने लेकर चली गयी। पूछताछ में पता चला कि तीनों लड़कियां आपस में गहरी सहेली हैं और बरुआसागर कस्बे की रहने वाली हैं। लड़कियों ने पूछतांछ में बताया कि वह फिल्मों में काम करने का शौक है। इसके लिए वह मुम्बई जाने का रास्ता तलाश रहीं थीं कि इसी बीच इन दिनों सोशल मीडिया पर टिकटॉक एप जोरों पर चल निकला। इस टिकटॉक वीडियो से वह प्रभावित हो गयीं और उन्होंने किसी प्रकार वायरल हुए एक टिक टॉक वीडियो के संचालिक का मोबाइल नम्बर खोज निकाला। उन्होंने जब उससे सम्पर्क किया तो उसने तीनों को माया नगरी में किस्मत अजमाने के रंगीन सपने दिखा दिए। इससे प्रभावित होकर तीनों सहेलियां टिकटॉक के कथित मालिक से मिलने मुम्बई के अनजाने सफर के लिए निकल पड़ीं। उनकी किस्मत ही अच्छी थी कि मुम्बई रवाना होने से पहले ही उन्हें पकड़ लिया गया। पुलिस ने तीनों के परिजनों को सूचना देकर बुलाया। जब उन्हें लड़कियों के मुम्बई भागने के प्रयास की जानकारी मिली तो उन्होंने सर पीट लिया। तीनोंं लड़कियों को लेकर उनके परिजन चले गए। ऐसे में एक सवाल यह है कि लड़कियों ने जो नम्बर खोजा वह वास्तव में टिकटॉक के मालिक का है या फिर किसी जालसाज का। पुलिस को इसकी जांच करना चाहिए। हो सकता है कि किसी ऐसे रैकेट का खुलासा हो जाए जो लड़कियों की तस्करी का धंधा करता हो।