• कमरे में शव बिखरे मिले, गृह स्वामी व नाती गम्भीर आहत
    झांसी। जनपद के थाना सीपरी बाजार क्षेत्र अंतर्गत लहरगिर्द में दयाराम कालोनी निवासी उदैनिया परिवार के लिए 15 अक्टूबर का दिन काला मंगलवार साबित हुआ। मकान के निचले हिस्से व दुकान में रहस्मय तरीके से आग लगने से उदैनिया परिवार के चार लोगों की जिन्दा जल कर मौत हो गई वहीं गृह स्वामी रेलवे से सेवा निवृत्त मूवमेण्ट इंस्पेक्टर व उसका नाती जिन्दगी व मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। इस घटना में मकान की छत पर सो रहे सदस्यों को पड़ोसियों ने किसी तरह से सकुशल बचा लिया गया। सायं घटना के पीछे सामूहिक हत्या काण्ड की साजिश का आरोप लगा कर परिजनों ने हंगामा किया और शवों को सड़क पर रख कर जाम लगा कर प्रदर्शन किया। सदर विधायक व पुलिस के समझाने और पीडि़त परिवार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने के आश्वासन के बाद पर मामला शांत हो गया। पुलिस ने देर सायं घटना की रिपोर्ट दर्ज कर ली।
    सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के लहरगिर्द मंदिर के पास दयाराम कालोनी में दो मंजिा मकान में रेलवे से सेवा निवृत्त मूवमेण्ट इंस्पेक्टर जेके उदैनियां अपने परिवार के साथ रहते हैं। मकान के निचले हिस्से में आवास व कुमुद किराना स्टोर नाम से दुकान है। हमेशा की तरह परिजन कल रात में मकान में सो रहे थे। मंगलवार की रात में लगभग दो-ढाई बजे आसपड़ोस के लोगों ने उदैनिया के मकान से धुआं व आग की लपटें निकलते देखीं। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक आग की लपटों के कहर से निचले हिस्से मेें स्थित किराना की दुकान की शटर निकल कर बाहर फिक गयी। यह देख कर लोगों ने शोर मचा दिया और फायर बिग्रेड व पुलिस को सूचना दी। निचले कमरे में आग इतनी भयानक लगी थी कि वहां से किसी को निकालना मुश्किल था। देखते ही देखते पूरा कमरा आग की लपटों से घिर गया और लपटें उपर की तरफ बढऩे लगीं। लोगों ने सीढ़ी की मदद से दूसरी मंजिल पर रहे रहे छोटे भाई दीपक उदैनिया, पत्नी मंजूषा, बेटी खुशी व बेटा कृष्णा को नीचे उतारा गया। इस बीच मौके पर पहुंचे पड़ोसियों ने पानी डालकर आग को बुझाना शुरू किया। इसके अलावा कमरे के दरवाजे को धक्का मारकर तोड़ कर उसमें भी पानी फेंक कर आग बुझाने की असफल कोशिश की। आग शांत होने पर लोगों ने अंदर जाकर देखा तो मां कुमुद पलंग पर व अन्य तीनों नीचे जमीन पर जली हालत में पड़े थे जबकि दूसरे कमरे में जुगल किशोर अचेत पड़े थे। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल मेें पहुंचाया गया।करीब पौन घंटे बाद मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने बाकी की आग को बुझाया।
    आग बुझने के बाद लोगों ने निचले हिस्से में देखा तो दहल गये। जिस कमरे में आग लगी थी उसमें सो रहे 50 वर्षीय जगदीश उदैनिया, 45 वर्षीय पत्नी रजनी तथा 16 वर्षीय बेटी मुस्कान व उनकी माँ कुमुद की दर्दनाक मौत हो चुकी थी और उनके शव विकृत हालत में इधर-उधर पड़े हुए थे। पुलिस ने घटना स्थल से मृतक जगदीश के पिता जुगल किशोर उदैनिया तथा पुत्र को निकाल कर गंभीर हालात में इलाज के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल भेज दिया। जहाँ उनकी हालात गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के बाद से क्षेत्र में मातम का माहौल हो गया है एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत से सभी लोग सकते में आ गए हैं और चर्चाओं का बाजार गर्म है।
    अग्निकाण्ड में बड़ी साजिश की बू
    घटना स्थल की स्थिति देखने से किसी बड़ी साजिश की सम्भावना प्रबल हो गयी है। हालत यह थी कि जिस कमरे में आग लगी थी उसके बराबर में बने गोडाउन का गेट व दूसरे कमरे का दरवाजा एवं घर के पीछे लगा गेट भी खुला हुआ था। कमरे की खिड़की के बाहर लगे कूलर भी अपने स्थान से हटा हुआ था। सूचना मिलने पर मौके पर डीआईजी सुभाष सिंह बघेल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. ओपी सिंह अधीनस्थों के साथ पहुंच गए और घटना स्थल का निरीक्षण किया। इसके अलावा लखनउ से आए अग्निशमन विभाग के उच्चाधिकारियों ने भी घटना स्थल का निरीक्षण कर दिशा-निर्देश दिए। अधिकारी इसे विद्युत शार्ट सर्किट का मामला बता रहे हैं जबकि जनमानस के यह बात गले नहीं उतर रही है। आग किन परिस्थितियों में लगी यह रहस्य बना हुआ है।
    शव रख कर लगाया जाम
    इस घटना ने पूरे क्षेत्र के लोगों को झकझोर दिया है। देर सायं परिजनों ने मृतकों के शवों को सीपरी बाजार में जर्मनी अस्पताल के तिराह पर रख कर प्रदर्शन किया और इसे सोची समझी साजितश के तहत सामूहिक हत्याकाण्ड बताते हुए रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। सूचना मिलने पर सदर विधायक सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझा बुझा कर रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन दिया तब मामला शांत हो गया। इसके बाद थाना सीपरी बाजार में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। देर शाम सीपरी बाजार थाना पुलिस ने दीपक उदैनिया की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आग लगाकर मुकदमा दर्ज कर लिया। तहरीर में बताया गया कि जगदीश और उनकी पत्नी सोसायटी ;पत्तीद्ध का संचालन करती थीं। महीने पर लोगों का पैसा जमा करते थे। वह दीपावली से पूर्व लोगों को पैसे बांटने थे। उनको 15 अक्तूबर को ही लोगों को पैसा वापस करना था। इसकी जानकारी काफी लोगों को थी। इसी रकम की लालच में बदमाश लूट के इरादे से उनके घर में दाखिल हुए। इसमें नाकामयाब होने पर उन्होंने उक्त घटना को अंजाम दिया।