- डीजीपी ने प्रदेश के सभी कप्तानों को जारी किए निर्देश
झांसी। उत्तर प्रदेश में योगी राज में लगातार मीडिया कर्मियों के साथ लगातार बढ़ रही घटनाओं व दुर्गति की घटनाओं के प्रकाश में आने पर पत्रकारों में आक्रोश है। हालत यह है कि प्रदेश में किसी न किसी जिले में मीडिया कर्मी मुकदमों के शिकार हो रहे हैं या उन्हें किसी न किसी बहाने जेल भेजा जा रहा है। आंकड़ों की मानें तो दर्जनों जिले हैं जहां के पत्रकारों को सत्ता सिस्टम पुलिस प्रशासन का कोपभाजन बनना पड़ा है।
ज्ञात हो 4 दिन पूर्व यूपी सहारनपुर यूपी के तीतरों कोतवाली स्थित एक पत्रकार को समाचार संकलन से रोकने पर जान से मारने की धमकी का मामला लखनऊ तक गूंजा था। सत्ताधारी मंत्री ने इस मामले में राजनीति भी करने की कोशिश की थी लेकिन जिस पर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकारों की एक जुटता के सामने उसकी एक न चली अब पुलिस महानिदेशक ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत किसी भी स मानित पत्रकार को यूपी में गलत/फर्जी केसों में न फंसाया जाये, वहीं पत्रकारों के मामले में पहले राजपत्रित अधिकारी जांच कर देंगे अपनी रिपोर्ट तभी होगी अब कार्यवाही। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में कई पत्रकारों के खिलाफ मामले पंजीकृत हुए थे। इस मामले में सीएम योगी ने डीजीपी उत्तर प्रदेश से कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। इस पर हंगामा होने व मीडिया संगठनों द्वारा विरोध किए जाने पर योगी सरकार को लगने लगा है कि कहीं न कीं गड़बड़ जरूर है। फिलहाल एक नया आदेश पुलिस विभाग की तरफ से जारी किया गया है जिसमें पत्रकारों को स मान देने, सुरक्षा देने और उनसे संबंधित मामलों में विशेष ध्यान-व्यवस्था की बात कही गई है। इस आदेश से प्रबल स ाावना है कि पत्रकारों का स मान सुरक्षित रहेगा और कतिपय खबर छपने से आग बबूला हो कर पत्रकारों पर लिखे जा रहे मुकदमों से राहत मिलेगी।