Jhansi. उल्दन थाना क्षेत्र के बिजना गांव में उस समय सनसनी फ़ैल गई जब 12 वर्ष के बालक ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बालक ने फांसी क्यों लगाई इसका कोई कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।

झांसी के उल्दन थाना क्षेत्र के बिजना गांव निवासी राजाचरण कुशवाहा का इकलौता 12 वर्षीय बेटा निशांत कक्षा 7 में पढ़ रहा था। स्कूल की छुटि्टयां होने पर वह गांव में ट्यूशन पढ़ने जाता था। शुक्रवार सुबह वह बकरी चराने चला गया जबकि उसकी मां पूजा करने चली गई थी। उनके साथ बेटी नीतू भी गई थी। घर पर बेटा निशांत और उससे बड़ी बेटी विनीता थी। दोनों को शाम 4 बजे ट्यूशन जाना था। बेटी ने ट्यूशन चलने के लिए निशांत को कहा तो वह बोला कि तुम चलो, मैं आ रहा हूं। लेकिन बेटा ट्यूशन नहीं गया और मौका देख कर फांसी लगा ली।

नीतू जब शाम को घर पर आई तो निशांत फंदे पर लटका दिखाई दिया। इस पर कोहराम मच गया। निशांत को आनन फानन में मेडिकल कॉलेज लाया गया। वहां परीक्षण उपरांत चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि निशांत के माता-पिता दिव्यांग हैं। दोनों ने बेटे के लिए काफी मन्नतें मांगी। 6 बेटियां होने के बाद निशांत का जन्म हुआ था। वह अपने माता-पिता का इकलौता लाड़ला बेटा था। पहले 6 में से दो बहनों की मौत हो चुकी है। वहीं सबसे बड़ी आरती और रीना की शादी हो चुकी है। जबकि नीतू और विनीता अविवाहित हैं।

पिता ने बताया कि निशांत पढ़ने में बहुत होशियार था। वह क्लास में फर्स्ट या सेकेंड आता था। वह सबका लाडला होने के कारण उसको कभी किसी ने डांटा भी नहीं था। उसने सुसाइड क्यों किया, यह जानकारी नहीं है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है।