• विकास कार्यों में हेरफेर के प्रकरण मेें थी फरार
    झांसी। विकास कार्यों में अनियमितता बरतने तथा मनरेगा की धनराशि हड़पने के नामजद मुकदमे में फरार चल रही ग्राम प्रधान सकरार आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गयी। दरअसल, सकरार के ग्रामीणों ने शिकायत की थी की ग्राम प्रधान शशि यादव, रोजगार सेवक, ग्राम सचिव सहित कई ने ग्राम में शौचालय निर्माण, कंक्रीट सड़क, मनरेगा जैसे कार्यों में जमकर धांधली कर लाखों का गबन किया गया है। आरोप लगाया गया कि शौचालय के नाम पर लोगों से गड्ढे खुदवा दिए पर शौचालय की चेक जारी नहीं की गई साथ ही अपने चहेतों को पुराने शौचालय पर ही नए शौचालय का निर्माण दिखाकर पैसों का भुगतान करवा दिया गया था। कुछ पात्र लोगों के घर में शौचालय के गढ्ढे खुद ही पड़े रहे पर पैसा न आने की वजह से शौचालय निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है। इसके चलते कुछ लोगों ने खुद का पैसा लगाकर अधूरे पड़े निर्माण को पूरा करवाया। साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मनरेगा का पैसा भी सभी की मिलीभगत से बंदरबांट हुआ है। कुछ चहेते लोगों के फर्जी नाम दिखाकर मनरेगा का पैसा निकाला गया। इस शिकायत को मुख्य विकास अधिकारी झांसी ने संज्ञान में लेते हुए जांच करवाई थी जिसमें जांच के दौरान खामियां पाई गई जिसके संबंध में कुछ माह पूर्व जिलाधिकारी झांसी के अनुमोदन के उपरांत मुख्य विकास अधिकारी की तहरीर पर शशि यादव ग्राम प्रधान सकरार, कमल सिंह रोजगार सेवक, शशिकांत यादव ग्राम सचिव, अखिलेश कंप्यूटर ऑपरेटर बंगरा, उपदेश कुमार लेखा सहायक मनरेगा बंगरा, अभिषेक द्विवेदी अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी बंगरा, रविशंकर पांडे खंड विकास अधिकारी बंगरा के खिलाफ थाना सकरार में धारा 419/420/409 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इस मुकदमा में सकरार थाना प्रभारी द्वारा आज ग्राम पंचायत सकरार की ग्राम प्रधान शशि यादव को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।