• यात्री बिना नुकसान के बाहर निकल सकेंगे
    झांसी। यात्रियों को एक सुरक्षित यात्रा प्रदान करना रेल प्रशासन का प्रथम ध्येय है एवं यात्रा को और अधिक सुरक्षित व आरामदायक बनाने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा समय-समय पर कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं। इसी क्रम में मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर के निर्देशन में यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंडल के 45 वातानकूलित कोचों में आटोमेटिक स्मोक/फायर डिटेक्शन विद अलार्म सिस्टम लगाया जा रहा है। जल्द ही यह प्रणाली ट्रेनों में देखने को मिलेगी। यह प्रणाली एक नियंत्रित वातावरण में कोच के अंदर नियमित रूप से अलग-अलग स्थानों का नमूना लेगी एवं उसकी जांच कर आग लगने के प्रारंभिक चरण में ही आग व धुंए का पता लगा यात्रियों को अलार्म के माध्यम से सचेत कर देगी जिससे समय रहते प्रभावित कोच से निकासी की जा सके एवं जान व माल की हानि को रोका जा सके। इस प्रणाली में आग की भीषणता व उसके अनुरूप यात्रियों तथा स्टाफ द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के अनुसार अलार्म के 4 चरण होंगे। इसमें अलर्ट, एक्शन, फायर-1 व फायर-2 चरण हैं। इसमें अलर्ट आग लगने की सबसे कम एवं फ ायर-2 सबसे अधिक भीषणता को दर्शाता है। पिछले कुछ सालों में इस प्रणाली का ट्रायल रेलवे बोर्ड द्वारा काफ ी ट्रेनों में किया गया है। ट्रायल्स से प्राप्त फ ीड बैक के आधार पर रेलवे की रिसर्च विंग रेलवे डिजाइन एवं स्टैण्डर्ड आर्गनाईजेशनश द्वारा इस प्रणाली में कई महत्वपूर्ण सुधार किये गए हैं एवं इसके साथ ही इस प्रणाली को ट्रेन के एयर-ब्रेक सिस्टम के साथ लिंक किया गया है जिससे फायर-2 अलार्म की स्थिति में अलार्म का हूटर बजने से पहले ही ट्रेन रुक जाए एवं यात्री बिना किसी भगदड़ के कोच से बाहर निकल सकें। इस प्रणाली लगाने हेतु आवश्यक कार्रवाई पूर्ण की जा चुकी है।