- महाप्रबंधक द्वारा संरक्षा, अवसंरचना व समय पालनता की स्थिति की समीक्षा
झांसी। महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे व उत्तर रेलवे राजीव चौधरी ने उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के सभी विभागों के प्रमुख विभागाध्यक्षों व आगरा, इलाहाबाद और झांसी मंडलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संरक्षा, समयपालनता और आधारभूत संरचना से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि उमरे देश के पूर्व, पश्चिम व दक्षिण से उत्तरी भाग तक माल व यात्रियों के रेलवे से परिवहन में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। रेल मार्गों पर कोयले व अन्य वस्तुओं के परिवहन हेतु बड़ी संख्या में खुले बॉक्स वैगन वाली माल गाडिय़ों का परिचालन होता है। बॉक्स वैगन कभी-कभी दोषपूर्ण या क्षतिग्रस्त दरवाजों के कारण बंद नहीं हो पाता है और इसे मार्ग में या लोडिंग/अनलोडिंग स्टेशन पर ही सुरक्षित करना पड़ता है ताकि वह अगले वैगन अनुरक्षण डिपो तक अनुरक्षण हेतु भेजा जा सके। चूँकि गेटों को सुरक्षित करने का कार्य मार्ग के स्टेशनों पर सीमित समय के भीतर करना होता है, इसलिए सुरक्षित करने की ऐसी विधि को सरल होना चाहिए जो मार्ग में वैगन के दरवाजे को खुलने से बचा सकने में सक्षम हो। उमरे का इलाहाबाद मंडल ने इस समस्या का एक बहुत ही सरल, अभिनव और मजबूत समाधान निकाला है। जहां दोषपूर्ण वैगन के दरवाजों को लचीले तार से बांधते हुए एक बोल्ट यू क्लैंप के माध्यम से सुरक्षित किया जा सकता है। बैठक में मैकेनिकल विभाग द्वारा इस प्रक्रिया पर एक प्रस्तुतिकरण किया गया और इसका एक डेमो वीडियो भी दिखाया गया। तार और यू क्लैंप का उपयोग करते हुए इस विधि का उपयोग न्यूनतम प्रयास और लागत के साथ किया जा सकता है। प्रेजेंटेशन में एक अतिरिक्त लॉकिंग अरेंजमेंट के विषय में भी बताया गया जिसको मेनटेनेंस डिपो द्वारा वैगन डोर पर प्रदान कर दूसरी लेयर की सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। इससे मौजूदा प्राइमरी लॉक फेल होने पर भी बॉक्स टाइप वैगनों में दरवाजा ना खुले। महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने निर्देशित किया कि दोषपूर्ण दरवाजे को सुरक्षित रखने का यह प्रस्तावित नियम लागू किया जाए और अन्य जोनल रेलवे को भी सूचित किया जाए, साथ ही अनुरक्षण डिपो में वैगनों के रख-रखाव के दौरान अतिरिक्त लॉकिंग व्यवस्था लगाने का भी प्रयास किया जाए।
महाप्रबंधक ने संरक्षा संबंधी मुद्दों की समीक्षा करते हुए कहा कि यदि ट्रेन में कोई भी असुरक्षित स्थिति देखी जाती है तो ट्रेन को रोकने के लिए सभी ट्रेन पासिंग स्टाफ की काउंसलिंग की जानी चाहिए। उत्तर मध्य रेलवे में रनिंग लाइनों के पास बड़ी संख्या में बुनियादी ढांचा के विकास कार्य विभिन्न क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा निष्पादित किए जाते हैं, इसलिए इस तरह के व्यस्त नेटवर्क पर कार्य स्थल की सुरक्षा के उच्च स्तर की आवश्यकता होती है। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय द्वारा वर्कसाइअट सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने के लिए एक अंतर्विभागीय समझौता ज्ञापन तैयार और जारी किया जाता है। उन्होंने निर्देश दिया कि बिना किसी अपवाद के सभी कार्य निष्पादन एजेंसियों द्वारा एमओयू के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे बोर्ड ने मौजूदा प्रावधानों के अलावा प्राथमिक चिकित्सा मदों की सूची को संशोधित करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों की समिति द्वारा सुझाई गई अतिरिक्त मदों को शामिल किया गया है। जीएम ने संशोधित प्राथमिक चिकित्सा किट रखने के लिए ट्र्न में सुविधाजनक स्थान की पहचान के लिए एक समिति द्वारा तत्काल अध्ययन के लिए निर्देश दियाए ताकि आवश्यकता की स्थिति में इसे आसानी से प्राप्त किया जा सके है।
इंफ्रास्ट्रक्चर के संदर्भ में टूंडला और गोविंदपुरी में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग व यार्ड रीमॉडेलिंग के बाद शेष बचे कार्यों को पूरा करने के लिए लक्ष्य पर चर्चा की गई। महाप्रबंधक ने कहा कि शेष कार्यों को प्राथमिकता पर पूरा करने की आवश्यकता है ताकि इन महत्वपूर्ण कार्यों से पूरा लाभ प्राप्त किया जा सके। कानपुर स्टेशन यार्ड रीमॉडलिंग के कार्य पर भी चर्चा की गईए जो इस महीने के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। एक बार पूरा होने के बाद यह प्लेटफॉर्मों पर ट्रेन की लंबाई की क्षमता को बढ़ाएगा और कानपुर में परिचालन क्षमता में भी सुधार होगा। उत्तर मध्य रेलवे दीर्घकालिक आधार पर सुविधाओं के साथ सभी प्रमुख स्टेशनों का मास्टर प्लान भी तैयार कर रहा है। इसके तहत भविष्य के लिए आवश्यक अवसंरचना कार्यों को पहले से पहचाना जाएगा ताकि इसे स्वीकृति दी जा सके और चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जा सके एवं निरंतर बढ़ती यातायात आवश्यकताओं के लिए समय पर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इलाहाबाद, कानपुर, आगरा, झांसी, ग्वालियर आदि स्टेशनों की पहचान की गई है और मास्टर प्लान बनाए जा रहे हैं। महाप्रबंधक ने यह भी कहा कि गुड्स शेड के लिए निर्धारित सुविधाओं में कमी को प्राथमिकता पर पहचानने और निष्पादित करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि गुड्स शेड सुधार कार्यों को प्रदूषण नियंत्रण कार्यों में सुधार करना चाहिए।