झांसी। श्री मेहंदी बाग मंदिर सरकार के उत्सव के अवसर पर छठवें दिवस की भागवत कथा का पूजन वृंदावन से पधारे अनंत श्री संपन्न श्री महंत निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष मदन मोहन दास जी महाराज एवं महंत राम जानकी मंदिर श्री राम प्रिया दास जी ने पूजन कर किया।
इसके बाद वृंदावन के कथा व्यास हरिवंश दास ने कहा कि भारतवर्ष भारतवर्ष क्यों कहा जाता है क्योंकि यहां पर उत्सव लगातार मानते रहते हैं बाल्मीकि रामायण में हनुमान जी महाराज जब सीता जी की खोज करने गए तो उन्हें सिर्फ श्रवण भक्ति माता जानकी को उन्होंने कभी देखा नहीं था लंका में प्रवेश करने के बाद एक छोटी सी सुंदर सी स्त्री हनुमान जी को दिखाई दी हनुमान जी ने सोचा कहीं है तो नहीं हमारी भगवती सीता गोस्वामी जी संकेत करते हैं नाम पाहरु दिवस दिस, कल की गति को कोई नहीं जान सकता जिन भक्तों का अपने भगवान के प्रति संपूर्ण भरोसा होता है वह सब कुछ जान जाते हैं महोत्सवों की बहुत महिमा है या तो भगवान के धाम में महोत्सव होते हैं या फिर इस संपूर्ण विश्व के अंदर भारतवर्ष में ही महोत्सव मनाये जाते है भगवान ने इंद्र की पूजा क्यों बंद कराई क्योंकि भगवान को एक चीज बिल्कुल भी पसंद नहीं है उसका नाम है अभियान चुकी इंद्र ने सोचा कि मैं बरसात नही करूंगा तो कहां से खेती होगी ,कहां से लोग स्वस्थ रहेंगे इसलिए जो कुछ भी हूं वह सिर्फ मैं हूं मलूक दास जी कहते हैं गर्व न कीजिए बाबरे गर्वही से रावण मारा ,भाया दुख भारी आज जामबंत भगवान श्री कृष्ण युद्ध रुक्मणी विवाह भगवान के 16108 विवाह की कथा कंस वध मीराबाई का चरित्र सूरदास जी का चरित्र एकादशी की महिमाआदि की कथा का श्रवण कराया।
इस अवसर पर महंत छार द्वारी हनुमान ओरछा धाम श्री त्रिलोकी नाथ महाराज, वृंदावन से पधारे चरण दास महाराज, तालबेहट से लक्ष्मी नारायण पुरोहित, मयंक तिवारी, अनमोल तिवारी, सुशील शर्मा सहित अनेकों साधु संत व सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु महिला पुरुष उपस्थित रहे।