मंडल की धरोहर को भविष्य की जरूरत के अनुसार किया जा रहा विकसित: डीआरएम
झांसी। रेल मंडल द्वारा अपने स्वर्णिम इतिहास को संजोए रखने के साथ ही भविष्य के लिए भी तैयार किया जा रहा है। मंडल द्वारा भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर और मजबूत किया जा रहा है। इसी क्रम में झांसी – कानपुर खंड के नंदखास – चिरगांव अप लाइन पर स्थित ब्रिज संख्या 1162/1 में निर्माण कार्य प्रतिस्थापित किया गया है।
20 अप्रैल को रेलकर्मियों द्वारा झांसी – कानपुर खंड के नंदखास – चिरगांव अप लाइन पर स्थित ब्रिज संख्या 1162/1 का प्रतिस्थापन कार्य किया गया। इस दौरान पूर्व में निर्मित 2.0*0.63 मीटर के ईंट पत्थर से बने स्लैब को हटाकर 2.0*2.5 मीटर के आरसीसी बॉक्स को स्थापित किया गया। यह पूरा कार्य महज 4.5 घंटे में कर लिया गया। इस कार्य के लिए मात्र 04.50 बजे से 09.20 बजे तक ट्रैफिक और पॉवर ब्लॉक लिया गया।
इसी कड़ी में आज ही एट – कोंच खंड पर ब्रिज संख्या 1222/1 पर वर्ष 1904 के स्थापित स्टील गर्डर को 7 x मात्र 8 घंटे 10 मिनट में 3.05 मीटर स्पान के PSC स्लैब्स से बदल दिए गए, यह कार्य ब्लाक अवधि से लगभग 1 घंटे पूर्ण ही पूर्ण कर लिया गया।
गौरतलब है कि, मंडल द्वारा तेजी से अवसंरचनात्मक किए जा रहे हैं। अधिकतर LC गेट को विद्युत सप्लाई से जोड़ा जा रहा है। 20 अप्रैल को झांसी मानिकपुर खंड के LC गेट 489 को राज्य विद्युत बोर्ड सप्लाई से जोड़ दिया गया है। मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने कहा कि मंडल के सभी हिस्सों में इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। मंडल के धरोहर रहे पुरानी ब्रिज को भविष्य की जरूरत के अनुसार प्रतिस्थापित किया जा रहा है। इसके साथ ही तमाम LC गेट पर भी विद्युत तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।