्र- प्रदर्शन कर की अपर निदेशक /प्रक्षेत्र अधीक्षक के कार्यकलापों की जांच की मांग
झांसी। राजकीय कु क्कुट प्रक्षेत्र भरारी में बड़ी संख्या में मुर्गे-मुर्गियों की मौत प्रकरण का ठीकरा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर फोड़े जाने से कर्मचारियों में आक्रोश है। कर्मचारियों ने पशुपालन विभाग के अपर निदेशक /प्रक्षेत्र अधीक्षक को इसके लिए जिम्मेदार बताते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर मामले की जांच कराने की मांग की है।
दरअसल, राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र भरारी में कुछ दिन पूर्व लगभग 100 मुर्गे-मुर्गियों की अचानक मौत हो गई थी। इस प्रकरण की जांच की जा रही है। कर्मचारियों का आरोप है कि जांच से बचने के लिए अपर निदेशक द्वारा कवायद शुरू कर दी गयी है। उनका कहना है कि इन मुर्गे-मुर्गियों को दानों की आपूर्ति अपर निदेशक द्वारा नहीं की जाती थी। इस हालत के चलते मुर्गे-मुर्गियों की मौत भूख के कारण हुई। इस पूरे मामले का ठीकरा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर फ ोड़ा जा रहा है। अपर निदेशक/प्रक्षेत्र अधीक्षक द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लिख कर देने को कहा कि मुर्गे-मुर्गियों को दाना दिया जा रहा था। जब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने मना किया तो अपर निदेशक ने उन्हें सस्पेंड करने की धमकी दी। कर्मचारियों ने महिला कर्मचारियों के मानसिक शोषण करने का भी आरोप लगाया। कर्मचारियों के अनुसार अपर निदेशक पर पद का अतिरिक्त कार्यभार है, जबकि उनका मूल पद भरारी फॉर्म में तकनीकी अधिकारी है। जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में पूरे प्रकरण की जांच कराकर अपर निदेशक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है।
इधर, राज्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ पशुपालन विभाग झांसी कार्यालय पर जिला अध्यक्ष उदय सिंह यादव की अध्यक्षता व मण्डल अध्यक्ष बृजकिशोर यादव की उपस्थित में बैठक हुई। इसमें कुक्कुट प्रक्षेत्र कर्मियों ने अवगत कराया कि डा. वीके सिंह प्रक्षेत्र अधीक्षक द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को निलम्बित कराने की धमकी देकर जबरन यह लिखाया गया कि मुर्गियों को बराबर दाना मिल रहा है जब कि हकीकत यह है कि भूख के कारण तडफ़-तडफ़ कर मुर्गियों ने दम तोड़ा है। जब कि कर्मचारियों द्वारा प्रक्षेत्र पर मुर्गी सेड की नियमित साफ-सफाई की जाती है साथ ही मुर्गियों में वैक्सीनेसन नहीं कराया गया। कई बार कहा गया कि मगर इन्होंने ध्यान नहंीं दिया मुर्गियों की मौत के जिम्मेदार स्वयं प्रक्षेत्र अधीक्षक है लेकिन इसका ढीकरा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर फोड़ा जा रहा है। कुछ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अपने निजी कार्यों में घरेलू कायो्रं में बेगार प्रथा में लगाये हुये है। कर्मचारियों को परेशान करने व वेतन रोके जाने व सस्पेंड की धमकी निरंतर दी जाती हैं। पूर्व में इसी तरह के कृत्य इनके द्वारा किये गये डा. वीके सिंह के कार्यकलापों की मजिस्ट्रेट जांच करायी जाये तथा वीके सिंह को अपर निदेशक २ के पद से हटाया जाये । बैठक में राजेन्द्र रायकवार, मोहनलाल, अंतर सिंह, देवजू, इजहार खां, राजेन्द्र परिहार, बृजबिहारी आदि शामिल रहे। संचालन राजेन्द्र रायकवार मण्डल मंत्री ने व आभार अशेाक तिवारी जिलामंत्री द्वारा किया गया।