झांसी। कोविड-19 के मद्देनजर किए गए उपायों के क्रम में, भारतीय रेल की सभी यात्री रेल सेवाओं के निरस्तीकरण को दिनांक 17 मई 2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकारों के अनुरोध पर केवल विभिन्न स्थानों पर फंसे, प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों के लिए ही विशेष गाड़ियां चलाई जाएंगी। इस संबंध में जो भी यात्रा करना चाहता है, उसे संबंधित राज्य सरकार से संपर्क करना चाहिए और कोई भी व्यक्ति किसी भी रेलवे स्टेशन पर सीधे नहीं आये। संरक्षा और परिचालन क्षमता में सुधार हेतु एवं कोविड -19 महामारी के खिलाफ उत्तर मध्य रेलवे ने सभी मोर्चों पर अपना प्रयास जारी रखा है। रेल के कोरोना वॉरियर न केवल निरंतर माल और पार्सल ट्रेन संचालन सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि साथ ही सामाजिक दूरी और स्वच्छता मानकों का पालन करते हुए कई नवाचारों, साथ कोविड-19 से भी लड़ रहे हैं। उत्तर मध्य रेलवे द्वारा की गई कुछ महत्वपूर्ण पहलें निम्नवत हैं:

• समय सारिणी बद्ध रूप से चलने वाली पार्सल ट्रेनों की पिछले 03 दिनों – 29 एवं 30 अप्रैल और 1 मई के दौरान समय पालनता लगातार 100% रही है। दिनांक 08.04.20 से प्रारंभ हुई सेवाओं के अंतर्गत समयसारिणी बद्ध रूप से 342 पार्सल ट्रेनें चलाई गई हैं तबसे अबतक में 07 दिनों के दौरान उत्तर मध्य रेलवे में इनकी समयपालनता 100% रही और अबतक की समग्र समयपालनता 88% के साथ परिचालित हुई हैं, जो उत्कृष्ट प्रदर्शन है। इनके द्वारा लगभग 190 टन पार्सल बुक किए गए हैं।

• लॉकडाउन के दौरान 90000 टन से अधिक खाद्यान्न के लदान के साथ कुल माल लदान 8.2 लाख टन से अधिक है और उत्तर मध्य रेलवे ने मालगाड़ियों की औसत गति में भी 100% से अधिक सुधार की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की है, पहले यह 23 किलोमीटर प्रतिघंटा थी जो अब 50 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक है। यह देश में सबसे अच्छा सुधार है।

• उत्तर मध्य रेलवे में विभिन्न कार्य स्थलों पर लगभग 100 पैडल संचालित सैनिटाइज़र / साबुन डिस्पेंसर और वॉश बेसिन लगाए गए हैं।

• ट्रेन संचालन में संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे में लगभग 2280 किलोमीटर के ट्रैक का अल्ट्रासोनिक रूप से परीक्षण किया गया । लॉकडाउन के बावजूद उत्तर मध्य रेलवे ने ट्रैक रिकॉर्डिंग मशीनों के डेटा के आधार पर समर्पित इनपुट के माध्यम से विभिन्न खंडों में गति को सामान्य स्तर पर बनाए रखा गया है।

• आंतरिक रूप से अब तक लगभग 1.6 लाख रीयूज़ेबल फेस कवर, 8000 लैटर सैनिटाइजर और लगभग 2000 नग कवरॉल निर्मित किए गए हैं। अब बाजार में समुचित मात्रा में सैनिटाइज़र की उपलब्धता हो जाने के कारण अब इसके उत्पादन को स्थगित करते हुए आंतरिक संसाधनों को अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में प्रयुक्त किया जा रहा है।
• लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद व्यक्तियों को लगभग 80000 पका हुआ भोजन प्रदान किया गया है, इसके अलावा पोर्टरों, सफाई कर्मचारियों, दैनिक मजदूरों, ग्रामीणों आदि के मध्य भी राशन वितरित किया गया है।