पहली बार आनलाइन वार्ता में डीआरएम ने गिनाई उपलब्धियां

झांसी। मंडल रेल प्रबंधक श्री संदीप माथुर द्वारा webex के माध्यम से शुक्रवार को ऑनलाइन प्रेसवार्ता में मंडल से जुडी उपलब्धियां तथा कोविड-19 से जुड़े सावधानियां व् इस दौरान लॉकडाउन पीरियड में मंडल द्वारा किये गए समय सदुपयोगी विविध विभागों के कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए रेल कर्मियों की पीठ थपथपायी।  

·उन्होंने बताया कि झाँसी – बबीना के मध्य तीसरी लाइन का संचालन CRS की संस्तुति के पश्चात चालू कर दिया जाएगा।

·         नया गुड्स शेड गढ़मऊ के पास प्रस्तावित है।

·         लॉकडाउन पीरियड में (माह अप्रैल से जून) मंडल द्वारा 8074 किलोलीटर डीजल की बचत की गयी, मंडल के सिर्फ दो ही खंड हैं जहाँ पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन नहीं है (ग्वालियर-इटावा तथा ललितपुर-खजुराहो) I

·         ग्वालियर स्टेशन का पुनर्विकास IRSDC द्वारा किया जाना है, इसकी RFQ बिड खोली जा चुकी है I  

मंडल द्वारा मालगाड़ी परिचालन, माल लदान व राजस्व अर्जन में उत्कृष्ट प्रदर्शन, स्थापित किये नये कीर्तिमान

झाँसी मंडल द्वारा उत्कृष्ट कार्य करते हुए माह जून में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रिकॉर्ड तोड़ औसतन 374 वैगन प्रतिदिन लदान का नया रिकॉर्ड स्थापित किया, इससे पहले सर्वाधिक लदान का औसत 366 वैगन प्रतिदिन माह जुलाई 2019 में रहा था I

माल परिवहन से मंडल ने जून माह रु. 66.30 करोड़ के राजस्व का अर्जन किया, जो की  पिछले वर्ष जून माह में प्राप्त राजस्व रु. 56.49 करोड़ से 17.36 अधिक रहा I

इसी श्रंखला में फ़ूड ग्रेन लदान में भी अब तक के सर्वाधिक 63 रेक का लदान मंडल से जून माह में संपन्न हुआ, पिछला सर्वाधिक रिकॉर्ड 41 रैक का था जो की जुलाई 2017 में रहा I

22 जून 20 को एक दिन में 595 वैगन के लदान से सर्वाधिक राजस्व 25402128 रुपए प्राप्त हुआ, पिछली बार का सर्वाधिक राजस्व 581 वैगन के लदान से 19.दिसम्बर 19 को प्राप्त हुआ था I इसके अतिरिक्त मंडल द्वारा जून माह में ट्रेनों के संचालन में शत-प्रतिशत समय पालनता प्राप्त की, साथ ही माह जून 2020 में 15 दिन 100 प्रतिशत समय-पालनता के साथ मासिक औसत 96.66 प्रतिशत समय-पालन का प्राप्त हुआ है I मंडल का यह कीर्तिमान जून माह में सम्पूर्ण भारतीय रेल में 16 वें स्थान पर दर्ज हुआ I

श्रमिक विशेष

मंडल द्वारा श्रमिकों प्रवासियों के कल्याण हेतु राज्य सरकार के साथ समन्वय तथा मांग के अनुकूल व्यवस्थायें कर 11 मई  से 30 जून 20 तक 61 गाड़ियों का सफल संचालन किया गया, उक्त गाड़ियों के संचालन के माध्यम से 81632 श्रमिकों की घर वापसी करायी गयी I    

        इसी प्रकार मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर 68 रेलगाड़ियाँ टर्मिनेट हुई, जिनसे  91009 श्रमिकों का आगमन मंडल के निकटवर्ती शेहर व गाँव के लिए हुआ I देश के विभिन्न शहरों से चलकर ग्वालियर में 12, बांदा में 21, छतरपुर में 19, टीकमगढ़ में 04, झाँसी में 06, चित्रकूट में 03 एवं उरई में भी 03 गाड़ियाँ टर्मिनेट हुईं I इसी प्रकार मंडल से अब तक 800 श्रमिक स्पेशल का संचालन किया गया है। जिनमें मंडल द्वारा खान-पान व्यवस्था, पेय जल व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था (आवश्यकतानुसार) मुहैया कराई गयी I इसमें लगभग 5 लाख मील्स की व्यवस्था मंडल एवं IRCTC द्वारा की गई।

      12 मई से 30 जून तक संचालित एसी स्पेशल तथा राजधानी गाड़ियों गाड़ियों में  कोविड-19 के दृष्टिगत आवश्यक सावधानियों के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षित यात्रा हेतु निरंतर प्रयासरत है। यात्रियों  थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है । शरीर का तापमान ज्यादा होने पर यात्रा की अनुमति नहीं है । यात्रियों के आगमन व प्रस्थान के समय उनके हाथों को सैनिटाइज़ किया जा रहा है । फेस मास्क या फेस कवर होना अनिवार्य है अन्यथा की स्थिति में ट्रेन व् स्टेशन परिसर पर प्रवेश वर्जित रखा गया  है।  उक्त गाड़ियों से  01 से 30 जून 20  तक की अवधि में कुल 77611 यात्री डीबोर्ड हुए तथा 155661 यात्री बोर्ड किये, इस प्रकार कुल 233272 यात्रियों ने यात्रा पूर्ण की I इस दौरान प्लेटफार्म व ट्रेन को निरंतर साफ व सैनिटाइज़ किया जा रहा है।  विशेष तौर पर वह स्थान / चीजें जिन्हें स्टेशन पर आते – जाते समय किसी व्यक्ति द्वारा छुआ जा सकता है, जैसे कि रेलिंग, ट्रेन के कोच पर लगे सपोर्ट आदि को निरंतर सैनिटाइज़ किया जा रहा है।

यात्रियों की आवाजाही के समय उपलब्ध स्टाफ को भी हैंड ग्लव्स, सैनिटाइज़र, फेस कवर, मास्क, फेस शील्ड, ग्लब्स आदि उपलब्ध कराये गए है, जिससे वह किसी भी प्रकार के संक्रमण आदि से सुरक्षित रहें। इसके साथ-साथ सामाजिक दूरी का भी ध्यान रखा जा रहा है जिससे कोविड-19 के प्रसार को रोका जा सके।

उन्होंने बताया कि यात्रियों के साथ-साथ रेल परिवार का भी ध्यान रखा जा रहा है, इसी पहल के अंतर्गत  मंडल के कोचिंग डिपो द्वारा स्व निर्मित हैण्ड फ्री लिक्विड सोप तथा पानी डिस्पेन्सर दिया गया। कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु झाँसी मंडल निरंतर प्रयासरत है I इसी श्रृंखला में मंडल के कोचिंग डिपो द्वारा एक अभिनव मशीन तैयार की गयी है I इस मॉडल को हैण्ड फ्री लिक्विड सोप तथा पानी डिस्पेन्सर का कहा जा सकता है I कोचिंग डिपो में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा लॉकडाउन पीरियड में खाली समय का सदुपयोग करते हुए यह अति आवश्यक मशीन तैयार किया गया है I यह मशीन कोविड-19 की रोकथाम हेतु बहुत उपयोगी साधन साबित हो रहा है I

उन्होंने बताया कि यह मशीन पूर्णत आंतरिक संसाधनों की सहायता से स्थानीय कर्मचारियों द्वारा निर्मित की गयी है I डिस्पेंसर का प्रयोग सहज है, इसमें राईट हैण्ड पेडल को दबाकर लिक्विड सोप निकलता है, तथा राईट हैण्ड पेडल से साबुन को धोने हेतु पानी प्राप्त होता है I इस मशीन के प्रयोग से हाथ धोते समय संक्रमण की संभावना शून्य है I कार्यालय अवधि में बार-बार हाथ थोने हेतु, यह मंडल कार्यालय के सभी विभागों में लगाई जा रही है I  

 संरक्षण सम्बंधित कार्य

झांसी मंडल ने कई महत्वपूर्ण रखरखाव और बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों को सफलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए कोविड-19 की महामारी के कारण यात्री सेवाओं के निलंबन द्वारा प्रदान किए गए अवसर का पूरी तरह से लाभ उठाया है। पार्सल ट्रेनों और मालगाड़ियों के माध्यम से सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने, श्रमिक और विशेष ट्रेनों के रूप में आवश्यक यात्री परिवहन के अलावा झांसी मंडल उत्तर मध्य रेलवे ने इन परियोजनाओं को नियमित यात्री सेवाओं के निलंबन के दौरान  निष्पादित किया। यातायात ब्लॉक की अधिक आवश्यकता के कारण इनमें से बहुत से कार्यों को सामान्य समय पर करने से ट्रेन संचालन पर अधिक  प्रतिकूल प्रभाव पड़ता ।

उन्होंने बताया कि निवाड़ी स्टेशन पर प्लेटफ़ॉर्म का उच्चीकरण  कर आदर्श स्टेशन के रूप में विकास तथा ग्वालियर स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म 1 पर एक-एक पैसेंजर लिफ्ट की स्थापना यात्री सुविधाओं के क्षेत्र में पूरे किए गए महत्वपूर्ण कार्य हैं। इस अवधि में ट्रेन परिचालन पर कम से कम प्रभाव डालते हुए  ललितपुर यार्ड में कर्व संख्या 27 और खजुराहो यार्ड में गैर मानक क्रॉस-ओवर संख्या 201 ए और 201 बी में सुधार के द्वारा ट्रैक के  लेआउट को ठीक किया गया जो परिचालन में अति लाभदायक होगा। सिग्नलिंग सिस्टम विश्वसनीयता में सुधार के लिए झांसी डिवीजन में भीमसेन-रसूलपुर-गोगामऊ खंड में डुअल डिटेक्शन प्रणाली स्थापना महत्वपूर्ण कार्य हैं ।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 के खिलाफ एहतियाती उपाय के रूप झाँसी में नियंत्रण कक्ष में पहले से स्थापित केन्द्रीयकृत एसी प्लांट के स्थान पर  विंडो / स्प्लिट एसी को लगाया गया है।

आटोमेटिक स्कैनर

मंडल प्रशासन द्वारा कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु कड़े कदम उठाए जा रहे हैं ।सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है । मास्क या फेस कवर  की सुनिश्चितता के साथ सामाजिक दूरी का पालन करवाया जा रहा है । इसी श्रंखला में प्रायोगिक तौर पर झांसी स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 1,2,3,4 व 5 पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से इमेज प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का संस्थापन किया गया है। अभी प्लेटफार्म नम्बर  1 व 2 CCTV  पर इसका प्रयोग किया जा रहै है। यह सॉफ्टवेयर कैमरे के माध्यम से आने जाने वाले यात्री व कर्मचारियों पर निगरानी रखेगा ।

    किसी भी कर्मचारी या यात्री को बिना मास्क लगाए या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करते हुए पाये जाने पर यह स्वतः एक्टिव हो जाएगा तथा इमेज सेंसर तुरंत यह इमेज CCTV surveillance रूम को फारवर्ड कर देगा ।इसके उपरांत उद्घोषणा के माध्यम से संबंधित को आरपीएफ या अन्य कर्मचारियों द्वारा रोककर उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

      रेल यात्रियों एवं कर्मियों को कोरोना वायरस से बचाने, सोशल व फिज़िकल डिस्टेन्सिंग और फेस मास्क की अनिवार्यता की निगरानी के लिये स्टेशन पर इमेज प्रोसेसिंग तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। यदि कोई यात्री या रेलकर्मी फेस मास्क नहीं पहनता या सोशल डिस्टेन्सिंग का उल्लंघन करता है तो वहाँ लगे सेन्सर उसे स्कैन कर बजने लगेंगे । देश में फैले कोरोना वायरस के कारण भारतीय रेल ने पैसेंजर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बन्द कर दिया था । लगभग ढाई माह बाद रेलवे ने यात्री सेवाएं कुछ नियमों के साथ फिर शुरू कर दी ।

         कोविड -19 के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य स्टेशन के साथ-साथ मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में भी विशेष सावधानी बरती जा रही है। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। रेलवे स्टाफ को ही प्रवेश दिया जा रहा है। बाहरी व्यक्तियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान यथासंभव गेट पर ही किया जा रहा है जिससे कोरोना के संक्रमण की संभावना को कम से कम किया जा सके। सभी कर्मियों को सामाजिक दूरी के नियम के पालन के साथ मास्क या फेस कवर को सुनिश्चितता के प्रति जागरूक किया जा रहा है। समय – समय पर सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोने के प्रति सभी को प्रतिबद्ध किया जा रहा है जिससे इस विषाणु के विरूद्ध जंग को जीता जा सके।

झाँसी मंडल के प्रमुख स्टेशन ग्रीन स्टेशन हेतु नामांकित

भारतीय रेल एवं भारतीय उद्योग परिसंघ के मध्य एक MOU के आधार पर होगा ग्रीन स्टेशन का चयन। झाँसी मंडल द्वारा मंडल के दो प्रमुख स्टेशन झाँसी एवं ग्वालियर स्टेशन का नामांकन ग्रीन स्टेशन हेतु किया गया है I भारतीय रेलवे और स्टेशनों में हरित पहल की तहत CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) द्वारा ग्रीन स्टेशन का चयन किया जा रहा है I ग्रीन इंडिया योजना के तेहत भारतीय रेल के स्टेशनों को ग्रीन स्टेशन / हरित स्टेशन प्रमाणन हेतु निम्न मानदंड तय किये गए हैं –

– स्टेशन पर पर्याप्त यात्री सुविधाओं, जैसे की प्रॉपर वेंटिलेशन, स्टेशन पर उपलब्ध विभिन्न यात्री सुविधाओं के दिव्यांग जनों द्वारा उपयोग हेतु अनुकूल डिजाईन, कूड़ा प्रबंधन प्रणाली, ऊर्जा बचत हेतु डे-लाइट मैनेजमेंट, पैदल यात्रियों एवं गाड़ियों के आवागमन हेतु बेहतर प्रबंधन, परिसर में पार्क, बेहतर पार्किंग व्यवस्था, स्मार्ट स्टेशन, निर्माण व् नवीनीकरण हेतु पर्यावरण अनुकूल उत्पादों का अधिकतम प्रयोग, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल तथा उर्जा दक्षता के अतिरिक्त हरित पहल आदि शामिल है I इन सुविधाओं सहित स्टेशन अनुरक्षण कार्य में वार्षिक बचत भी उक्त चयन हेतु एक अनिवार्य मानदंड है 

 स्टेशन पर यात्रियों हेतु मल्टी पर्पस स्टाल पर मास्क व् सैनीटाइजर की सुविधा

झाँसी मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर आवश्यकतानुसार ट्रेनों में खान पान व्यवस्था करायी जा रही है I यात्रियों को यात्रा के दौरान प्लेटफार्म पर कोई असुविधा न हो इसके लिए रेलवे द्वारा झाँसी, उरई, ग्वालियर आदि स्टेशनों पर कैटरिंग स्टाल्स पर सैनीटाइजर व् मास्क भी उपलब्ध कराये गए हैं I सभी मास्क व् सैनीटाइजर न्यूनतम दरों पर दिये जा रहे है I जिन्हें यात्री आवश्यकनुसार खरीद सकते है I  इसके साथ-साथ सभी कार्यालयों को निरंतर विसंक्रमित किया जा रहा है I

Covid19 लॉकडाउन अवधि के दौरान लंबे समय से लंबित / प्रमुख अवसंरचना और रखरखाव बैकलॉग कार्यों का समापन

S & T Dept:

·         झांसी डिवीजन पर कोटरा-झाँसी खंड तथा झाँसी स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 04 व 5 पर आईबीएच की विश्वसनीयता में सुधार के लिए पुराने एक्सल काउंटर के स्थान पर ड्यूल डिटेक्शन प्रणाली का संस्थापन किया गया I जिससे सिग्नल प्रणाली की विश्वसनीयता में बढ़ोतरी होगी I

·         मंडल चिकित्सालय में CCTV कैमरों का संस्थापन किया गया I CCTV कैमरों के संस्थापन से अस्पताल के विभिन्न वार्डों और बाहरी क्षेत्र की निगरानी करना हुआ आसान। साथ ही टेलीमेडिसिन प्रणाली भी प्रदान की गई।

·         13 स्टेशनों पर पैनल इंटरलॉकिंग की समग्र टेस्टिंग और 26 स्टेशनों पर ओवरलैप रिलीज सर्किट में परिवर्तन किया गया I इस कार्य के सम्पादन से गाड़ियों के संरक्षापूर्ण संचालन सुनिश्चित होगा I

·         38 पुराने पॉइंट्स मशीनों का प्रतिस्थापन I

·         सड़क उपयोगकर्ताओं द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए ELOB के मामले में उचित सिग्नल पर ट्रेनों को पास करने के लिए मौजूदा ELOB के अलावा 06 गेट्स पर स्लाइडिंग बूम प्रदान किए गए । इस कार्य से समपार फाटक पर संरक्षा में बढ़ोतरी होगी I

·         जिन पॉइंट्स पर सिग्नल फेलियर होने की अधिक संभावनाएं रहती हैं, ऐसे स्थानों को चिन्हित कर डुअल डिटेक्शन सिस्टम का संस्थापन I जिससे सिग्नल प्रणाली की विश्वसनीयता में बढ़ोतरी होगी I

  Engineering Dept:

·         बीना-करौंदा खंड पर यूपी रोड पर किमी सं 977.00 से 993.50  तक विभिन्न स्थानों पर बाय-एक्सियल जियो-ग्रिड और वोवेन जियो-टेक्सटाइल का संस्थापन I जिससे ट्रैक की ज़मीन पर पकड़ और बेहतर होगी I

·         हरपालपुर-कबरई खंड में मोबाइल फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन द्वारा वेल्ड नवीनीकरण। माह अप्रैल के दौरान लगभग 946 वेल्ड, मई के दौरान  1324 और  2220  वेल्ड 24 जून 20 तक किए गए थे और इस प्रक्रिया के दौरान लगभग 4200 एटी वेल्ड को फ्लैश बट वेल्डिंग मशीन और 290 नग यूएसएफडी फौल्ट्स को 250 pitted रेल प्रतिस्थापन के साथ नवीनीकृत किया गया।