सोमवार को लगा 25 केवी का मीटर पर संयोजन जुड़े नहीं!

झांसी। कोविड के चलते झांसी के सुभाष गंज का थोक बाजार को भीड़ बढ़ने के कारण पुरानी थोक गल्ला मंडी में स्थानांतरित कर दिये जाने से व्यापारियों की लाटरी लग गई पर राज्य सरकार के राजस्व को लाखों की चपत लग गई। इस उच्च अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल खड़े हो गए हैं।

दरअसल, पुरानी थोक गल्ला मंडी में जिन आढ़तियों को स्थानांतरित किया गया उन्हें प्रशासन द्वारा मुफ्त दुकानें, गोदाम मुहैया कराए, किंतु व्यापारियों द्वारा कूलर, पंखे या एसी के लिए जो बिजली उपयोग की गई उसका पिछले 5 माह से बिजली विभाग को कोई भी भुगतान नहीं किया गया जिसके कारण विद्युत विभाग को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। मंडी क्षेत्र के एस.डी.ओ. की 5 माह बाद जब नींद खुली तब उन्होंने संज्ञान में लेते हुए कई व्यापारियों के संयोजन काट दिए लेकिन तब तक राजस्व की क्षति तो हो ही चुकी थी।

मामला झांसी प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचने के बाद व्यापारियों ने एक सप्ताह का समय मांगा और अपने निर्धारित संयोजन कराने का वायदा किया। इसके बाद बिजली विभाग द्वारा कटे संयोजनों को दोबारा जोड़ दिया गया, किंतु तय अवधि के कयी दिन निकल जाने के बाद भी किसी ने संयोजन लेने की पहल नहीं की। इस मामले में मीडिया द्वारा जानकारी करने पर पुनः विजली विभाग के अफसर जागे और संयोजन की कवायद शुरू कर दी गई।
इस मामले मेंं उपखण्ड अधिकारी निखिल जिदल नेे बताया कि सोमवार को मंडी में 25 किलोवॉट का मीटर लगा दिया गया है। इससे मंडी के  व्यापारियों को अस्थाई संयोजन दिया जाएगा। इसके लिए 60 हजार रुपए जमा कराए गए हैं। उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि व्यापारी को इससे संंंजन दिए जाने हैं। इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सुुपरण्टेेड इंजीनियर गर्ग ने मंडी की दुकानों का लोड चेेक कर मीटर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह जांच की जायेगी कि कितने माह फ्री लाइट का उपभोग किया गया और इससे कितने राजस्व की क्षति हुई है। देखना है कि बिजली विभाग को हुई राजस््व की क्षति पूर्ति होती है या नहीं। आपको बता दें कि यदि बिजली विभाग 5 माह पहले ही जाग जाता तो लाखों रुपये के राजस्व की क्षति को बचाया जा सकता था।