-*- झांसी पॉलिटेक्निक छात्रा बलात्कार प्रकरण -*-

– न्यायालय में आरोपियों को देखने उमड़ी भीड़, रात में भेजा जेल

– डीएनए नमूना संग्रह किया, कई खुलासे होने की है उम्मीद

झांसी। झांसी में राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज के ब्वॉयज हॉस्टल में रविवार को नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म में पकड़े गए पॉलीटेक्निक कॉलेज के आठों छात्रों से सोमवार को दिन भर गहन पूछताछ में जो पता चला तो आंखें फटी रह गईं। उनके मंसूबे खतरनाक थे, पीड़ित छात्रा को ब्लैकमेल कर आगे भी उसके शोषण की योजना थी। छात्रों के पास से 7 मोबाइल मिले हैं। इन मोबाइल में अश्लील क्लिपिंग भी हैं। कुछ लड़कियों के नंबर हैं, कुछ मैसेज भी ऐसे मिले हैं जिन्हें जांच के दायरे में लिया जा रहा है। फोरेंसिक जांच के लिए सभी को भेजा रहा है। कुछ ऐसे नंबर भी मिले हैं जिन्हें एक दिन में 10 से 20 बार डॉयल किया गया है। इन सभी की जांच की जा रही है। पुलिस का मानना है कि ब्लैकमेलिंग का बड़ा रैकेट सामने आ सकता है। यदि आरोपी नहीं पकड़े जाते तो लड़कियों का शोषण व ब्लैकमेलिंग की शर्मसार कहानी शुरू हो जाती। पुलिस जांच कर रही है कि क्या आरोपी पहले भी ऐसी करतूत कर चुके हैं? क्या साथी छात्र-छात्राओं के अश्लील वीडियो उनके मोबाइलों में हैं? क्या कोई रैकेट सक्रिय है? आरोपियों के खिलाफ एन एस ए की कार्यवाही कर दी गई है।

फिलहाल थाना सीपरी बाजार पुलिस ने आरोपियों का मेडिकल चेकअप कराने के बाद न्यायालय में पेश किया। वहां आरोपियों को देखने को भीड़ उमड़ पड़ी थी। पुलिस टीम किसी प्रकार न्यायालय से निकाल कर लाई। रेप के मुख्य आरोपी रोहित का डीएनए जांच हेतु नमूना संग्रह किया गया। विशेष अनुमति पर आरोपियों को रात में जिला कारागार में भेज दिया गया।

संयुक्त जांच पड़ताल शुरू

एसएसपी ने बताया कि जो भी लापरवाही हुई है उसकी सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ द्वारा संयुक्त जांच कराई जा रही है। उसमें जो भी तथ्य सामने आयेंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी। जांच के लिए सीपरी बाजार इंं्पेक्टर को लगाया गया है। सहयोग के लिए एक एस आई टी भी बनाया जा रहा है। जो अतिरिक्त जांच में सहयोग करेगा। अपराध से जो भी सबूत हैं उन्हें जांच के फारैंसिंक जांच के लिए भेजा जा रहा है, इसके अलावा डीएनए की भी जांच होगी। पीड़िता की सूचनायें पूरी तरह से गोपनीय रखी जा रही हैं। जांच होने के बाद आरोपियों पर एनएसए की कार्यवाही की जायेगी। प्रयास किया जायेगा कि जल्द से जल्द से आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेे। कालेज और स्कूल में छात्राओं को सुरक्षित बनाने का हर सम्भव प्रयास किया जायेगा।

कालेज प्रशासन की अनदेखी व लापरवाही

झांसी में ग्वालियर रोड पुलिस चौकी के सामने पॉलीटेक्निक कॉलेज के दो ब्वॉय हॉस्टल हैं। इनमें एक की क्षमता 50 की है दो दूसरे की 60। दोनों हॉस्टल में क्षमता से अधिक छात्र रहते हैं। इनमेंं अधिकांश महोबा, गोंडा, हमीरपुर, ललितपुर, कानपुर, मेरठ, इटावा, प्रयागराज, बांदा और चित्रकूट आदि जिलों के छात्र रह कर डिप्लोमा कर रहे हैं। कालेज प्रशासन की लापरवाही से कोराना कॉल में हॉस्टल बंद करने के बाद भी तमाम छात्र यहां रह कर गिरोह बना कर अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते रहे। दबंग छात्रों ने ब्लैकमेलिंग के लिए पूरा गिरोह बना रखा है। कॉलेज प्रशासन की जानकारी में सब कुछ है, शिकायतों का पुलिंदा है पर कभी कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। बस छात्रों के अभिभावकों से शिकायतें कर इतिश्री कर ली गई। आरोपी भरत कुमार के बारे में तो लगातार शिकायतें आ रही थीं कि वह छात्रों से वसूली करता है। मारपीट करता है। प्रिंसिपल नवीन कुमार ने बताया कि उसकी शिकायतें लगातार आती रहती थीं। उसके बारे में परिजनों को भी अवगत कराया गया लेकिन उसमें कोई सुधार नहीं आया। इस लापरवाही का परिणाम रहा दुु्ष्कर्म की ऐसी घटना जिसने कालेज को शर्मशार कर दिया और ढिलाई छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ गई।

हास्टल की डुप्लीकेट चाबी, आरोपी निष्कासित

कॉलेज प्रशासन ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी छात्रों के पास हॉस्टल की डुप्लीकेट चाबी होने की बात स्वीकारी है। छात्रों ने डुप्लीकेट चाबी कैसे बनवाई इसकी पड़ताल की जा रही है। कालेज प्रशासन ने आरोपी छात्रों को कालेज से निष्कासित कर दिया है।

हॉस्टल में हॉकी, लोहे की रॉड और चाकू

पुलिस ने हॉस्टल में जब कमरों की तलाशी ली तो हैरान रह गए। सूत्रों के मुताबिक कमरों में हॉकी, लोहे की रॉड, चाकू तक मिले हैं। पुलिस ने जब पूछताछ की तो बताया गया कि शाम ढले ही यहां बाहरी लोगों का आना जाना शुरू हो जाता है। हॉस्टल की छत पर कुछ छात्र खड़े हो जाते हैं और आने जाने वाली महिलाओं पर कमेंट करते हैं। पुलिस शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेेेती। कार्रवाई न होने से इनके मंसूबे बढ़ते चले गए।

राज्य मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी से चार हफ्ते में​ मांगी रिपोर्ट

उप्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने झांसी जनपद में पाॅलीटेक्निक हाॅस्टल में नाबालिग से दुष्कर्म की घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को चार सप्ताह में इस घटना की जांच कराकर जांच आख्या मानवाधिकार आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। झांसी में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म काण्ड को आयोग ने प्रथम दृष्टया मानवाधिकार हनन का प्रत्यक्ष उदाहरण माना है। मानवाधिकारों की रक्षा के लिए ही आयोग ने यह कदम उठाया है।

दो आरोपियों के परिजन झांसी में
पुलिस गिरफ्त में आरोपी विपिन तिवारी व शैलेंद्र नाथ पाठक के परिजन ही थाने पहुंचे। परिजनों ने उनके बेटों को झूठा फंसाने का आरोप लगाया है। आरोपी विपिन तिवारी के परिजनों ने बताया कि वह लोग कानपुर में रहते हैं। उनका पुत्र विपिन पॉलीटेक्निक में द्वितीय वर्ष का छात्र है। 3 अक्तूबर को विपिन अपना सामान शिफ्ट करने कॉलेज आया था। कल शाम 6.30 बजे उसने घबराकर मां को फोन कर बताया कि उसे फर्जी फंसा दिया गया है। यह सुनकर घबरा कर वह झांसी पहुंचे और मामले की जानकारी की। उनका कहना था कि उनके पुत्र को फर्जी फंसा दिया गया है। दूसरे आरोपी शैलेंद्र नाथ पाठक के भाई आशुतोष का आरोप है कि उसका भाई बेकसूर है। अन्य आरोपियों के चलते उसके भाई को पुलिस ने जबरन फंसा दिया है। साथ ही भाई से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। बाकी छह आरोपी अपने परिजनों का इंतजार करते रहे पर कोई नहीं पहुंचा। उन्हें पुलिस ने फोन पर भी बात नहीं करने दी और मिलने जुलने वालों पर भी पाबंदी रही। रात को सभी जेल चले गये तब पुलिस ने राहत की सांस ली।