– 10 नवम्बर तक नगर मजिस्ट्रेट के समक्ष साक्ष्य /बयान उपलब्ध करायें

झांसी। नगर मजिस्ट्रेट सलिल पटेल ने अवगत कराया है कि जिला मजिस्ट्रेट झांसी एवं प्रदीप जैन आदित्य पूर्व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री भारत सरकार के पत्र के अनुसार राजकुमार सिंह बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय इलैक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्सटुमेंटेशन विभाग में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत थे, जिनकी नियुक्ति केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की एनपीआईयू खण्ड द्वारा प्रोजेक्ट के अन्तर्गत हुई थी। मार्च माह में NASSCOM के अनिवार्य प्रशिक्षण हेतु उन्हें आईआईटी गुवाहाटी जाना पड़ा, जिसकी सूचना वह विभाग को लिखित रूप में देकर गए थे। लेकिन प्रशिक्षण से लौटने के बाद विश्वविद्यालय के डीन/प्रोजेक्ट निदेशक द्वारा उन्हें बेबुनियाद कारणों का हवाला देते हुए जातिगत दुर्भावना से उन्हें उनके सहायक आचार्य के पद से बर्खास्तगी करते हुये नौकरी से निकाल दिया गया। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा बर्खास्तगी का आदेश रद्द किये जाने के बावजूद भी राजकुमार सिंह को अब तक बहाल नहीं किया गया है, की मजिस्ट्रेट जांच किये जाने हेतु नामित किया गया है।
उन्होंने सर्वसाधारण को सूचित किया है कि घटना के जो भी प्रत्यक्षदर्शी हों अथवा घटना के संबंध में जो भी विशिष्ट जानकारी रखते हो, वह 10 नवंबर तक अवकाश दिवस को छोड़कर कलैक्टेट कार्यालय में उपस्थित होकर बयान/ साक्ष्य परीक्षित कराएं।