झांसी। देश के 35000 स्टेशन मास्टर विविध मांगों को लेकर 7 अक्टूबर से संघर्षरत हैं। इसी क्रम में देश के स्टेशन मास्टर्स 21 जनवरी को मंडल मुख्यालयों पर भूख हड़ताल करेंगे। स्टेशन मास्टर्स की प्रमुख मांगों में शामिल हैं- नाइट ड्यूटी सीलिंग लिमिट का आदेश रद्द किया जाए, रेलवे फ्रंट लाईन स्टाफ को 50 लाख का जिवन बीमा दिया जाए, रेलवे का निजी करण एवं निगमीकरण बंद किया जाए, फ्रीज किये हुए महंगाई भत्ता को पुनः प्रारम्भ किया जाए। इसके अलावा झांसी मंडल में स्थानीय मंडल स्तरीय मांगों में – स्टेशन मास्टर्स को प्रदत्त एम ए सी पी ग्रेड पे 5400/4800/4600 का लाभ देने में किये जा रहे अनावश्यक विलम्बन को समाप्त किया जाए, स्टेशन मास्टर्स संवर्ग में रिक्तियों को पूर्ण करके नियमित पदौन्नति के साथ कैडर रिस्ट्रक्चरिंग किया जाए, सभी पात्र स्टेशन मास्टर्स को एन पी एस से ओ पी एस का लाभ अविलंब दिया जाए, औरछा – मटौंध खंड में जारी अमानवीय ई आई रोस्टर को समाप्त किया जाए, रेलवे बोर्ड पत्र संख्या 83/2020 दिनांक 29 सितंबर 2020 नाइट ड्यूटी एलाउंस सीलिंग लिमिट लिमिट 43600 नाइट ड्यूटी की गणना करने के लिए अब बेसिक पे 43600 के आधार पर ही की जाएगी। बताया गया है कि उक्त मांगों सहित अन्य मांगों को लेकर भारतवर्ष के 35000 स्टेशन मास्टर 21 जनवरी प्रत्येक मंडल कार्यालय के सामने एक दिवसीय हंगर फास्ट/भूख हड़ताल, अनशन करके छठवें चरण का विरोध करेंगे।
प्रथम चरण में एस्मा के पदाधिकारियों द्वारा रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को ई-मेल भेजकर के विरोध जताया गया,
दूसरे चरण में पूरे भारतवर्ष के स्टेशन मास्टरों ने 15 अक्टूबर को रात्रि ड्यूटी शिफ्ट में स्टेशन पर मोमबत्ती जलाकर के विरोध प्रदर्शन किया गया, तीसरे चरण का विरोध प्रदर्शन ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक 1 सप्ताह तक काला बैज लगा कर के ट्रेन संचालन किया गया, चौथे चरण का विरोध प्रदर्शन ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए 31 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष के स्टेशन मास्टर एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहे, पांचवें चरण में 25 नवंबर को प्रत्येक मंडल कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया गया लेकिन प्रशासन ने अभी भी स्टेशन मास्टरों के हित मे निर्णय नही लिया है और नवंबर माह से भुगतान होने बाले नाइट ड्यूटी एलाउंस मैं कटौती कर दी गई है।
अब छठवें चरण में भारतवर्ष के प्रत्येक मंडल कार्यालय के सामने एक दिवसीय हंगर फास्ट किया जाएगा। 35000 स्टेशन मास्टर ऑन ड्यूटी एवं ऑफ ड्यूटी प्रत्येक मंडल कार्यालय के सामने ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए एक दिवसीय हंगर फास्ट करेंगे।
अगर इस आदेश को प्रशासन के द्वारा रद्द नहीं किया गया तो सातवें सातवें चरण के विरोध का तरीका और भी ज्यादा कठिन हो सकता है। जो आदेश अभी हाल ही में रेलवे बोर्ड के द्वारा जारी किया गया है इससे पूर्व भी नाइट ड्यूटी का पत्र रेलवे बोर्ड के द्वारा ही पत्र संख्या 36/2018 दिनांक 8 मार्च 2018 को जारी किया गया था जिसमें किसी भी प्रकार का विचाराधीन मामला नहीं बताया है जबकि जो वर्तमान में पत्र जारी किया गया है उसकी लागू होने की तिथि एक जुलाई 2017 दी गई है जिसका कोई औचित्य नहीं है पत्र 2018 में लागू होने के बाद रेलवे बोर्ड ने 1 जुलाई 2017 से नाइट ड्यूटी का एरियर भी कर्मचारियों को दिया है जो कैटेगरी संरक्षा के साथ अनवरत रूप से नाइट ड्यूटी करती हैं उनके साथ ऐसा व्यवहार रेलवे प्रशासन के द्वारा संरक्षा के साथ खिलवाड़ है। आइस्मा के नेताओं ने बताया कि ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ऐसे आदेशों का वैधानिक तरीके से घोर विरोध करता है और प्रशासन को चेतावनी देता है की इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी कोरोना के संबंध में सरकार के सभी दिशानिर्देशों का पूर्ण पालन किया जाएगा। इस आंदोलन में झांसी मंडल के समस्त स्टेशन मास्टर्स कार्यरत रहते हुए अपना नैतिक समर्थन हेतु उपवास करेंगे एवम झांसी मंडल रेल प्रवन्धक कार्यालय के सामने 21 जनवरी को 10 से 5 बजे तक लगभग 50 से अधिक स्टेशन मास्टर्स भूख हड़ताल पर बैठेंगे। यह आंदोलन शांतिपूर्ण व बिना रेल परिचालन को व्यवधान पहुंचाए किये होगा।