– सरकार ने कोरोना के बहाने रेल कर्मचारियों पर किया प्रहार : सिंह

– वर्किंग कमेटी की बैठक में दिखा कर्मचारियों में आक्रोश

झांसी। एनसीआरईएस के केन्द्रीय महामंत्री आरपी सिंह ने बताया कि कोविड 19 महामारी के कारण संपूर्ण लॉकडाउन में भी रेल कर्मचारियों ने पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ कार्य किया ताकि देश की आम जनता को किसी प्रकार से परेशानी न होने पाए, किंतु दूसरी तरफ मजदूर विरोधी सरकार ने इस गंभीर आपदा के समय रेल कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते के भुगतान एवं रिक्तियों के भरने पर रोक लगाकर उन्हें आर्थिक लाभ व प्रमोशन से वंचित कर दिया इसके अतिरिक्त यात्री गाड़ियों के संचालन का कार्य निजी हाथों में सौंपकर भारतीय रेल का नुकसान किया। इतना ही नहीं 29 सितंबर 2020 को आरबीआई नं 83 / 2020 जारी कर 43600 /आरएस से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के रात्रि भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दिया जिसके कारण कर्मचारियों में बहुत आक्रोश है।

उमरे के झांसी मंडल मुख्यालय पर संगठन की वर्किंग कमेटी की बैठक व मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय महामंत्री ने बताया कि रेल मंत्रालय के उपरोक्त मजदूर विरोधी निर्णयों के कारण समस्त रेल कर्मचारियों में आक्रोश है जिसके कारण एनसीआरईएस ने वर्किंग कमेटी में निर्णय लिया कि 2 नवंबर से 5 नवंबर 2020 तक लंच के समय प्रयागराज, झांसी और आगरा मंडल में एनसीआरईएस की सभी शाखाओं के पदाधिकारी और डेलीगेट अपने-अपने कार्य क्षेत्र में सरकार के निर्णय का विरोध करेंगे और 6 नवंबर 2020 को तीनों मंडल के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के गेट पर जुलूस के रूप में पहुंचकर मंडल रेल प्रबंधक को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि संगठन की प्रमुख मांगें हैं-D.A/DR रोकने का आदेश रद्द किया जाए, रात्रि भत्ते के भुगतान संबंधी रेलवे बोर्ड के आदेश RBE NO. 83/2020 पर रोक लगाया जाए, पदों को सरेंडर करना बंद कर पात्र कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ दिया जाए, औद्योगिक संबंध कोड 2020 वापस लेकर यूनियनों के मान्यता के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार चुनाव कराया जाए, यात्री गाड़ियों को निजी हाथों में देने का निर्णय वापस लिया जाए, एनपीएस रद्द किया जाए, ट्रैकमैन एवं संरक्षा के समस्त कर्मचारियों को बढे हुए रिस्क एवं हार्डशिप एलाउंस का भुगतान अविलंब किया जाए, ग्रेड पे 2400 को 2800 ग्रेड पे और 4600 को 4800 में मर्ज किया जाए और रनिंग कर्मचारियों को ग्रेड पे 4600 दिया जाए, ट्रैक मेंटेनर को टेक्नीशियन कैडर के समान लेवल 6 ग्रेड पे 4200 तक प्रमोशन चैनल दिया जाए, ग्रुप सी के अपेक्स ग्रेड को ग्रुप बी में अपग्रेड किया जाए, 30 वर्ष की सेवा और 50/55 वर्ष की उम्र पर जबरन रिटायर करना बंद किया जाए, 50 कैटेगरी के कर्मियों के एक बच्चे को नौकरी देने के लिए मॉडिफाइड सेफ्टी रिलेटेड रिटायरमेंट स्कीम पुनः शुरू की जाए, महिलाओं की सुविधा के लिए फ्लेक्सी वर्किंग हावर लागू किया जाए और कार्यस्थल पर टॉयलेट एवं ड्रेस चेंजिंग रूम की व्यवस्था की जाए, सभी स्टाफ की 12 घंटे की ड्यूटी खत्म कर 8 घंटे की ड्यूटी लागू किया जाए, रनिंग एलाउंस एलिमेंट को आयकर के दायरे से बाहर किया जाए,  वर्ष 2020 के बोनस का भुगतान तुरंत किया जाए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि  मांगों को लेकर आंदोलन सतत जारी है। रेल का चक्का जाम करने से करोड़ों का नुक़सान तो होता ही है साथ ही आम आदमी भी परेशान होते है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार कर्मचारियों में आक्रोश करो या मरो की तर्ज आंदोलन को उतारू हैं। संगठन में वीजी गौतम के सेवा निवृत्त होने से रिक्त हुए मंडल महामंत्री के पद पर नियुक्ति के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर शीघ्र चयन किया जाएगा। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष राम कुमार सिंह, टीपी सिंह भानु प्रताप सिंह चंदेल, सरिता दास, आरती तमौरी, विवेक चड्डा आदि उपस्थित रहे। अंत में आभार मंडल के मीडिया प्रभारी उमर खान ने व्यक्त किया