मुख्यमंत्री ने कहा – हीरोज मैदान पर जल्द बिछेगा एस्ट्रोटर्फ 

झांसी। जिस ऐतिहासिक हीरोज मैदान पर हॉकी जादूगर मेजर ध्यानचंद और उनके छोटे भाई कैप्टन रूप सिंह ने हॉकी का ककहरा सीखकर ओलंपिक तक का सफर तय कर भारत को हॉकी में 1928,1932 एवं 1936 में लगातार 3 ओलंपिक स्वर्ण पदक, कैप्टन रूप सिंह ने 1932 और 1936 में दो स्वर्ण पदक जीते हो। उनके इसी हीरोज मैदान कुछ वर्ष पूर्व जीर्णछीड़ हालत में था, ऐसी थी कि वहां खेलने लायक कुछ भी नहीं था। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर झांसी जेडीए ने दो वर्ष पूर्व हीरोज मैदान पर कुछ साज सज्जा कर नया स्वरूप देने का प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास हॉकी के लिहाज से नाकाफी रहा। क्योंकि वहां हॉकी नहीं खेली जा सकती थी आज जमाना एस्ट्रोटर्फ हॉकी का है और बगैर एस्ट्रोटर्फ के हॉकी के नौनिहाल खिलाड़ियों का देश का प्रतिनिधित्व करना नामुमकिन सा है। लेकिन अब उम्मीद की आस जगी है।

हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के पुत्र पूर्व ओलंपियन और 1975 विश्व विजेता टीम के अहम सदस्य रहे अशोक ध्यानचंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके निवास स्थान 5 कालिदास मार्ग, लखनऊ में मुलाकात कर मैदान की व्यथा उन्हें सुनाई। जिस पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए अशोक ध्यानचंद को आश्वासन दिया कि जिस में पूरे विश्व में अपने खेल कौशल से भारत का मान बढ़ाया है उनकी कर्म स्थली झांसी शहर में हॉकी जादूगर ध्यानचंद की। समाधि स्थल हीरोज मैदान पर जल्द ही एस्ट्रो टर्फ लगाया जाएगा। उन्होंने इस मुलाकात के दौरान अशोक ध्यानचंद से भी आग्रह किया कि वह हीरोज मैदान पर हॉकी की अकादमी संचालित कर देश के लिए नए ओलंपियन और विश्व विजेता खिलाड़ी तैयार करें।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी में खेलों की उन्नति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सराहना की। इस मुलाकात के दौरान अशोक ध्यानचंद ने मेजर ध्यानचंद के नाम से उप्र सरकार द्वारा मेरठ शहर में मेजर ध्यानचंद यूनिवर्सिटी, झांसी नगर में दद्दा के नाम से आधुनिक संग्रहालय एवं प्रयागराज में भव्य एवं एतिहासिक महाकुंभ में मेजर ध्यानचंद की मूर्ति स्थापित करने के साथ साथ कुंभ के विशाल आयोजन के लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया। मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान अशोक के छोटे भाई वीरेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, संजीव सिंह, धीरेन्द्र भी मौजूद रहे।