झांसी। न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के आदेश से सगी माँ द्वारा ठुकराये दो बच्चों को आखिर अपने घर की छाँव नसीब हो ही गयी।

दरअसल चिरगांव थाना क्षेत्र के दो नाबालिग भाई बहिनों ने न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए बताया था कि उनकी सगी मां ने फरवरी 2023 में उन्हें मार-पीट कर घर से निकाल दिया है और इस कारण उनकी पढ़ाई बर्बाद हो रही है तथा रहने का कोई ठिकाना नहीं है। बच्चों की मां को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया गया तो उसने बताया कि उसका पति से तलाक का मुकदमा चल रहा है और ये मकान उसके पिता ने बनवाकर दिया है इसलिए वह अपने मकान में किसी को नहीं रहने देगी।
जाँच के दौरान बाल कल्याण समिति को ज्ञात हुआ कि मकान की भूमि महिला के पिता ने दी थी पर मकान बच्चों के पिता ने ही बनवाया है। बच्चों का सारा खर्च पिता ने उठाने का लिखित आश्वासन न्यायपीठ को दिया। इस पर न्यायपीठ बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए बच्चों को उस मकान के एक कमरे में रहने तथा बाथरूम प्रयोग करने के आदेश पारित कर दिये गये।
न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के आदेश से क्षुब्ध महिला ने सत्र न्यायालय में अपील प्रस्तुत की, जिस पर न्यायाधीश ने अपील पोषणीय न होने का हवाला देकर अपील खारिज कर दी। विवश होकर मां ने बच्चों को उक्त मकान के एक कमरे में रहने के लिए कमरा खाली कर दिया है। कार्यवाही के दौरान न्यायपीठ की सदस्य श्रीमती परवीन खान, श्रीमती दीप्ति सक्सेना व कोमल सिंह उपस्थित रहे।